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सारधा घोटाला मामला: सिलीगुड़ी में वामो व तृणमूल में बढ़ा टकराव

सिलीगुड़ी : सारधा घोटाला मामले को लेकर सिलीगुड़ी में वाम मोरचा तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच रस्साकशी तेज हो गयी है. दोनों ही पक्ष की ओर से आंदोलन की घोषणा के बाद टकराव की स्थिति बन गर्यी है. एक ओर जहां वाम मोरचा सारधा मुद्दे को अधिक से अधिक उछाल कर आने वाले दिनों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2014 1:45 AM

सिलीगुड़ी : सारधा घोटाला मामले को लेकर सिलीगुड़ी में वाम मोरचा तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच रस्साकशी तेज हो गयी है. दोनों ही पक्ष की ओर से आंदोलन की घोषणा के बाद टकराव की स्थिति बन गर्यी है. एक ओर जहां वाम मोरचा सारधा मुद्दे को अधिक से अधिक उछाल कर आने वाले दिनों में सिलीगुड़ी नगर निगम की चुनावी वैतरणी पार करने की जुगाड़ में है, वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सारधा मुद्दे से होने वाले नुकसान को रोकने की तैयारी में जुट गयी है.

वाम मोरचा तथा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गयी है. यहां उल्लेखनीय है कि जनवरी के आसपास राज्य में नगरपालिका के चुनाव होने हैं. उसी क्रम में सिलीगुड़ी नगर निगम का चुनाव भी होना है. इसी को ध्यान में रखकर वाम मोरचा के सबसे प्रमुख घटक दल माकपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य ने वाम मोरचा की ओर से कमान संभाल कर हर दिन ही तृणमूल कांग्रेस और खासकर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव पर हमला बोल रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार आने वाले सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में वाम मोरचा ने सारधा घोटाले के साथ-साथ एसजेडीए घोटाले को अपना चुनावी हथियार बनाने का निर्णय लिया है. यही वजह है कि अशोक भट्टाचार्य सहित वाम मोरचा के तमाम नेता सारधा कांड के साथ-साथ एसजेडीए घोटाला मुद्दे को भी जोर-शोर से उछाल रहे हैं. इस महीने की 22 तारीख को वाम मोरचा ने एसजेडीए अभियान की घोषणा की है.

माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि जिस तरह से सारधा घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है उसी प्रकार से एसजेडीए घोटाले की जांच का जिम्मा भी सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि सारधा घोटाले में एक पर एक तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. उन्होंने एसजेडीए घोटाले में भी स्थानीय तृणमूल नेताओं के शामिल रहने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इस घोटाले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसजेडीए के तत्कालीन चेयरमैन विधायक रूद्रनाथ भट्टाचार्य का इस्तीफा ले लिया था.

उन्होंने कहा कि अगर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो जाये, तो कई बड़े लोग बेनकाब हो जायेंगे. दूसरी तरफ वाम मोरचा के इस आक्रामक रूप को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस ने भी जवाबी तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि सिलीगुड़ी में विभिन्न स्थानों पर धरना एवं विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चुका है. माकपा के तमाम संगठन डीवाईएफआई, महिला समिति, एसएफआई आदि के सदस्य सारधा घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी तथा एसजेडीए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर हर दिन ही रैली निकाल रहे हैं. वाम मोरचा नेताओं का दावा है कि 22 तारीख को एसजेडीए अभियान के दौरान उनके हजाारों समर्थक शामिल होंगे.

दूसरी तरफ माकपा के काट स्वरूप तृणमूल कांग्रेस ने भी आज से सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के सभी 47 वार्डों में पथ सभा का आयोजन शुरू कर दिया है. इन पथ सभाओं को तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय शीर्ष नेता संबोधित कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की रणनीति सारधा घोटाला मामले को लेकर सीबीआई द्वारा बदले की कार्रवाई साबित करना है. यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता इन पथ सभाओं में लोगों को बताने में लगे हुए हैं कि सारधा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के लोग शामिल नहीं हैं और सीबीआई केन्द्र की मोदी सरकार के इशारे पर बदले की कार्रवाई कर रही है.

इस मामले के उछलने से विशेषकर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव काफी गुस्से में हैं. उन्होंने कल ही तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ एक बैठक की और बड़े पैमाने पर आंदोलन की घोषणा की है. उनका साफ कहना है कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नीचा दिखाने के लिए सारधा मामले को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है.

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