महिला ने लगाया एसीपी पर बदतमीजी का आरोप, शिकायत दर्ज करने से इनकार
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान नगर थाना अंतर्गत निवेदिता रोड की रहनेवाली दुर्गा दिल प्रसाद शर्मा ने पुलिस के एसीपी (वेस्ट) मानवेंद्र दास पर मारपीट व बदतमीजी करने का आरोप लगाया है. श्रीमती शर्मा अपनी बेटी सपना शर्मा के साथ यहां सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही […]
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान नगर थाना अंतर्गत निवेदिता रोड की रहनेवाली दुर्गा दिल प्रसाद शर्मा ने पुलिस के एसीपी (वेस्ट) मानवेंद्र दास पर मारपीट व बदतमीजी करने का आरोप लगाया है. श्रीमती शर्मा अपनी बेटी सपना शर्मा के साथ यहां सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं.
श्रीमती शर्मा ने कहा कि वह दार्जिलिंग मोड़ इलाके में एक ढाबा चलाती हैं और दो अक्तूबर की रात को करीब 12.30 बजे एसीपी ने पुलिसकर्मियों के साथ उनके ढाबा पर छापेमारी की और 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. श्रीमती शर्मा ने आरोप लगाया कि तीन अक्तूबर को एसीपी ने निवेदिता रोड स्थित उनके घर में छापेमारी की और उनके साथ मारपीट तथा गाली-गलौच की.
एसीपी की इस कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने एसीपी के विरूद्ध सिलीगुड़ी महिला पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने एफआइआर दर्ज करने से इंकार कर दिया. वह तब से लेकर अब तक एसीपी मानवेन्द्र दास के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने तथा कार्रवाई करने की मांग को लेकर पुलिस कमिश्नर से गुहार लगा रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उन्होंने इस मामले की शिकायत राज्य महिला आयोग से भी की है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर एसीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती शर्मा की बेटी सपना शर्मा ने बताया कि वह मुंबई में नौकरी करती है. उनकी मां का कैंसर का इलाज चल रहा है और जैसे ही उन्हें पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट तथा अभद्रता करने की खबर मिली, वह सीधे सिलीगुड़ी आ गईं. उन्होंने कहा कि वह इस लड़ाई में अपनी मां के साथ हैं.
* क्या कहना है एसीपी का
सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी, वेस्ट) मानवेंद्र दास ने अपने पर लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद करार दिया. उन्होंने कहा कि जिसे जो आरोप लगाना है लगाये, वे डरते नहीं. वह उस रात ढाबा ह्यद-जंक्शनह्ण के मालिक दिल प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार करने उसके घर गये थे, लेकिन वह घर पर नहीं थे. उनकी पत्नी से हुई बातचीत के बाद वह उनके घर से लौट गये.
उन्होंने कहा कि दो अक्तूबर यानी गांधी जयंती की रात दार्जिलिंग मोड़ संलग्न पिंटेल विलेज के सामने ढाबा द-जंक्शन रात डेढ़-दो बजे तक खुला था और खुलेआम ढाबा में मदीरापान हो रहा था, जबकि कानूनन रात 10 बजे तक ही बार में शराब बिक्री करने की अनुमति है. ग्राहक की भीड़ को देखते हुए यह अवधि आधे घंटे तक के लिए बढ़ायी जा सकती है न कि देर रात तक. बंगाल आबकारी विभाग को इसकी लिखित जानकारी भी दी गयी है. ढाबे का बार लाइसेंस रद्द किये जाने की भी कानूनी कार्रवाई जारी है.