बंद रहे चाय बागान

मजदूरी बढ़ाने की मांग पर श्रमिकों ने की हड़ताल जलपाईगुड़ी : चाय उद्योग में श्रमिकों की नयी मजदूरी समझौता करने समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में सोमवार को उत्तर बंगाल के चाय उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल का पालन किया गया. 23 चाय श्रमिक संगठनों के साझा मंच की ओर से इस हड़ताल का आह्वान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2014 6:53 AM
मजदूरी बढ़ाने की मांग पर श्रमिकों ने की हड़ताल
जलपाईगुड़ी : चाय उद्योग में श्रमिकों की नयी मजदूरी समझौता करने समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में सोमवार को उत्तर बंगाल के चाय उद्योग में एक दिवसीय हड़ताल का पालन किया गया. 23 चाय श्रमिक संगठनों के साझा मंच की ओर से इस हड़ताल का आह्वान किया गया था.
साथ ही मंच के एक प्रतिनिधि दल ने सोमवार को गुवाहाटी में उद्योग-वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन के साथ मुलाकात की. हड़ताल में तृणमूल समर्थित चाय बागान के श्रमिक शामिल नहीं हुए. श्रमिक संगठनों के साझा मंच की ओर से चित्त दे व जियाउर आलम ने बताया कि पहाड़, तराई व डुवार्स में हड़ताल सफल रही है.
श्रमिक काम पर नहीं गये एवं फैक्टरियों के गेट के सामने धरना दिया व जुलूस निकाल कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि चाय श्रमिकों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी 150 से 200 रुपये नहीं किया गया तो 11 व 12 नवंबर को उत्तर बंगाल में 12 घंटे की आम हड़ताल का पालन किया जायेगा. संगठन की ओर से मणिकुमार दर्नाल व जॉन बारला ने बताया कि महंगाई के अनुसार मजदूरी बढ़ानी होगी.
साथ ही बंद चाय बागानों को खोलने के लिए राज्य व केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग उन्होंने की. इसके अलावा चाय श्रमिकों को सभी बुनियादी सेवाएं चाय कानून के तहत मिलनी चाहिए. दूसरी ओर, तृणमूल के आइएनटीटीयूसी के श्रमिक यूनियन नेता व सदस्य आज की हड़ताल में शामिल नहीं हुए.आइनएनटीटीयूसी का कहना है कि हड़ताल से चाय उद्योग की समस्याओं का समाधान नहीं होगा.
राज्य सरकार जल्द त्रिपक्षीय बैठक बुलायेगी. चाय श्रमिकों कीदैनिक मजदूरी उचित होनी चाहिए. इधर चित्त दे व जियाउर आलम ने कहा कि केंद्रीय उद्योग वाणिज्य मंत्री के साथ चाय उद्योग की समस्या पर संतोषजनक बातचीत हुई है. चाय कानून को संशोधित कर चाय उद्योग के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने का आश्वासन दिया गया है.

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