मदद को दर-दर भटक रही शंपा
मालदा: नाइजेरिया में आतंकवादियों की गोली से पति की दर्दनाक मौत के बाद असहाय पत्नी शंपा साहा (24) अपनी तीन साल की बेटी को लेकर काम की तलाश में दर-ब-दर भटक रही है. उन्होंने मदद की गुहार लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्रचार किया है. लेकिन मुख्यमंत्री के दफ्तर से कोई जवाब […]
मालदा: नाइजेरिया में आतंकवादियों की गोली से पति की दर्दनाक मौत के बाद असहाय पत्नी शंपा साहा (24) अपनी तीन साल की बेटी को लेकर काम की तलाश में दर-ब-दर भटक रही है. उन्होंने मदद की गुहार लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्रचार किया है. लेकिन मुख्यमंत्री के दफ्तर से कोई जवाब नहीं आया. जिस कारण शंपा पूरी तरह से निराश हो चुकी है. 25 जुलाई 2012 को नाइजेरिया के माइरीगुड़ी में एक कारखाने में काम के दौरान आतंकवादियों ने शंपा के पति शंकर कुमार साहा (34) को गोलियों से भून दिया.
आतंक के कारण शंपा अपनी बेटी को लेकर नाइजेरिया छोड़कर भारत लौट आयी. उन्होंने चार सितंबर 2012 को राइटर्स में जाकर मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र छोड़ आयी. लेकिन मुख्यमंत्री के दफ्तर से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. शंपा साहा ने मीडिया के सामने रोते हुए कहा कि उनके पति का कोई जमा पूंजी उनके पास नहीं है.
तीन अग्रस्त 2012 को वह नाइजेरिया छोड़कर भारत आ गयी. संपा का ससुराल ओल्ड मालदा थाना के मंगलबाड़ी इलाके के बाचामारी कॉलोनी में है. सास-ससुर काफी वृद्ध हैं. शंपा के पिता को लकवा मार गया हैं. रुपयों की कमी के कारण उनका इलाज नहीं हो पा रहा है. देश में लौटने के बाद शंपा ने फिर से पढ़ाई शुरू कर दी है. वह गौड़बंग विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग के द्वितीय वर्ष की छात्र है.
उसने कहा कि बेटी को पालने के लिए उन्हें नौकरी की आवश्यकता है. और नौकरी पाने के लिए पढ़ाई की आवश्यकता है. आठ सालों तक नाइजेरिया में रहने के बाद कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिली. मुख्यमंत्री के दफ्तर में फोन करने पर कहा गया कि सरकार कोई मदद नहीं कर सकती. मदद के लिए शंपा जिले के दोनों मंत्री सावित्री मित्र व कृष्णोंदु चौधरी के पास भी गयी. लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. अपनी बदनसीबी पर अब आंसू बहा रही है. वह इस उम्मीद में है कि कहीं से कोई मदद उसे मिल जाये.