नेपाल में फंसे बंगाल के 18 हजार प्रवासियों की नहीं हो रही घर वापसी, ममता सरकार से अनुमति मिलने का है इंतजार

लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में फंसे पश्चिम बंगाल (West Bengal) के 18 हजार प्रवासियों की घर वापसी का मामला अधर में लटका हुआ है. बताया जा रहा कि नेपाल व पश्चिम बंगाल सरकार के बीच आपसी तालमेल न होने से फंसे लोग घर नहीं लौट पा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2020 8:52 PM

सिलीगुड़ी : लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में फंसे पश्चिम बंगाल (West Bengal) के 18 हजार प्रवासियों की घर वापसी का मामला अधर में लटका हुआ है. बताया जा रहा कि नेपाल व पश्चिम बंगाल सरकार के बीच आपसी तालमेल न होने से फंसे लोग घर नहीं लौट पा रहे हैं.

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल सभी भारतीय नागरिकों को वापस भेजना चाह रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार फिलहाल उन्हें वापस लाने के मूड में नहीं है. नेपाल की सीमा बंगाल व बिहार से सटी हुई है. दार्जिलिंग जिले का पानीटंकी इलाका भारत- नेपाल सीमा का बॉर्डर आउटपोस्ट है. बिहार व बंगाल से बहुत से प्रवासी मजदूर नेपाल में रोजगार की तलाश में जाते हैं.

Also Read: महावीर स्थान बाजार में लगी आग, 7 दुकान जलकर खाक, लाखों का नुकसान, पर्यटन मंत्री ने घटनास्थल का लिया जायजा

इसके अलावा नेपाल में आंख का इलाज कराने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों से भी लोग वहां पहुंचते हैं. अचानक लॉकडाउन की घोषणा के बाद भारत- नेपाल सीमा को भी सील कर दिया गया था. जिस वजह से भारत के बहुत से लोग नेपाल में ही फंस गये थे. लेकिन, अनलॉक 1 की घोषणा के बाद बिहार, असम, मणिपुर धीरे- धीरे अपने नागरिकों को नेपाल से वापस बुला रहे हैं.

इसके साथ केंद्र सरकार ने भी बिहार- नेपाल जोगबनी बॉर्डर (Jogbani border) पर आवागमन में थोड़ी राहत दी है. हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) अपने नागरिकों को वापस बुलाने से कतरा रही है. पानीटंकी बीओपी इमिग्रेशन के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बंगाल के लगभग 18 हजार प्रवासी श्रमिक समेत विभिन्न कामों के सिलसिले में नेपाल गये लोग लॉकडाउन के बाद से वहीं फंसे हैं. उन लोगों की घर वापसी के लिए राज्य सरकार कुछ नहीं कर रही है.

Also Read: कालियाचक में 13 किलोग्राम मणिपुरी गांजा जब्त, पुलिस ने 2 आरोपी को किया गिरफ्तार

नेपाल दूतावास सूत्रों की माने, तो पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने लोगों को वापस लाने से साफ मना कर दिया है. पानीटंकी इमिग्रेशन सूत्रों का ये भी कहना है कि राज्य सचिवालय नवान्न से अनुमति मिलते ही फंसे लोगों को राज्य की सीमा में प्रवेश करने दिया जायेगा.

इस मामले को लेकर राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम ने कहा कि नेपाल में फंसे बंगाल के मजदूरों को वापस लाने के लिए उन्होंने दार्जिलिंग के डीएम से भी बात की थी. उन्होंने बताया कि अभी तक अनुमति नहीं मिली है, जबकि नॉर्थ इस्ट (North East) के राज्यों के लोग घर लौट रहे हैं. उन्होंने कहा कि अनुमति मिलने के बाद प्रथम चरण में 8 हजार लोगों को वापस लाया जायेगा.

Posted By : Samir ranjan.

Next Article

Exit mobile version