अंत्येष्टि पर हमले के खिलाफ सिलीगुड़ी भड़की
सिलीगुड़ी : बुधवार को रामघाट में अंत्येष्टि पर हुए हमले के खिलाफ गुरुवार को सिलीगुड़ी भड़क उठी. शहरवासी सड़क पर उतरे और हमले की निंदा की. तृणमूल कांग्रेस भी सड़क पर उतरी. दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कृष्ण चंद्र पाल के अगुवाई में स्थानीय सेवक मोड़ स्थित पार्टी मुख्यालय से विशाल धिक्कार रैली निकाली […]
सिलीगुड़ी : बुधवार को रामघाट में अंत्येष्टि पर हुए हमले के खिलाफ गुरुवार को सिलीगुड़ी भड़क उठी. शहरवासी सड़क पर उतरे और हमले की निंदा की. तृणमूल कांग्रेस भी सड़क पर उतरी. दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कृष्ण चंद्र पाल के अगुवाई में स्थानीय सेवक मोड़ स्थित पार्टी मुख्यालय से विशाल धिक्कार रैली निकाली गयी.
हमलावरों के गिरफ्तारी के मांग में यह रैली शहर के प्रमुख मार्गो का परिभ्रमण किया. कृष्ण चंद्र पाल मीडिया के सामने शहरवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कल का दिन सिलीगुड़ी के इतिहास का काला दिन है. अंत्येष्टि पर हमले की जितनी भी निंदा की जाये कम है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से सभी हमलावरों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाइ की मांग की. तृणमूल के युवा नेता रंजन सरकार उर्फ राणा व संजय शर्मा ने कहा कि भाजपा, माकपा व कांग्रेस लोगों को भड़का कर शहर के विकास में रोड़ा डाल रही है. तृणमूल ऐसी ओछी राजनीति कदापि बरदाश्त नहीं करेगी. श्री शर्मा ने कहा कि लोगों को जागरुक होने की जरूरत है.
श्मशान घाट में विद्युत शवदाह चूल्हा के निर्माण से इलाके में कोई प्रदूषण नहीं होगा. वहीं आज सुबह रामघाट आंदोलनकारी नेता व वार्ड नंबर पांच के पूर्व पार्षद अमरनाथ सिंह को सिलीगुड़ी पुलिस द्वारा घर से गिरफ्तार करने के विरुद्ध में आज दोपहर को फारवर्ड ब्लॉक की दार्जिलिंग जिला इकाई के बैनर तले शहर में रैली निकाली गयी. हिलकार्ट रोड स्थित मित्र सम्मिलनी हॉल से शुरू हुई यह रैली हासमी चौक में पहुंच कर पथावरोध में तब्दील हो गयी. सिलीगुड़ी थाना की पुलिस मौके पर पहुंच कर प्रदर्शनकारियों से अवरोध हटाने की काफी विनती की, लेकिन प्रदर्शनकारियों के न हटने पर पुलिस ने लाठी चटका कर भीड़ को खदेड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा. इंसपेक्टर विकास कांति दे ने बताया कि फॉरवार्ड ब्लॉक ने विभिन्न मांगों के लिए रैली की अनुमति ली थी.
सड़क जाम कर पथावरोध करने की कोई अनुमति नहीं थी. इसलिए मौके से चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. वही फॉरवार्ड ब्लॉक के दार्जिलिंग जिला महासचिव अनिरुद्ध बसु ने कहा कि सरकार की विभिन्न जनविरोधी नीतियों के साथ साथ कल रामघाट में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया था. दूसरी ओर, अंत्येष्टि पर हमले के खिलाफ आज मारवाड़ी समाज भी एकजुट हुआ और खालपाड़ा गल्लामंडी एवं सेवक रोड में धिक्कार रैली निकाल कर दुकानपाट पूरे दिन बंद रखा.
सब के निशाने पर मंत्री गौतम देव
सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में वार्ड नंबर 5 स्थित श्मशान घाट रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर जारी विवाद अपने चरम पर है. एक ओर जहां स्थानीय निवासी शवदाह चूल्हे के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव किसी भी कीमत पर उसी स्थान पर इस चूल्हे का निर्माण कार्य कराना चाहते हैं.
इसकी वजह से मंत्री गौतम देव ना केवल 5 नंबर वार्ड के स्थानीय लोगों, बल्कि विपक्ष के भी निशाने पर हैं. इस निर्माण कार्य को लेकर कांग्रेस तथा माकपा आदि विरोधी दल मंत्री गौतम देव पर निशाना साधने में लगे हुए हैं. माकपा नेता तथा पूर्व मंत्री अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद उसी स्थान पर शवदाह विद्युत चूल्हे के निर्माण का कोई औचित्य नहीं बनता. एक बातचीत के दौरान श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह विकास के विरोधी नहीं हैं. सरकारी काम और विकास का काम अवश्य होना चाहिए. लेकिन किसी भी सरकारी काम के लिए उस इलाके में रह रहे लोगों की रजामंदी जरूरी है.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री गौतम देव ने अकारण बात का बतंगड़ बना दिया है. जब विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण के लिए शिलान्यास का काम हो रहा था, तो उसी समय इस समस्या का समाधान निकाल लेना चाहिए था. लेकिन गौतम देव ने तब विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को बातचीत के लिए बुलाया और उनमें से कई लोगों की पिटायी कर दी. इस घटना के बाद से ही स्थिति बिगड़ गयी है. दूसरी ओर कांग्रेस नेता तथा विधायक शंकर मालाकार ने भी इस पूरे मामले के लिए गौतम देव को जिम्मेदार ठहराया है. श्री मालाकार का कहना है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर जिस तरह से पुलिस कार्रवाई की गयी, वह निंदनीय है. पुलिस के बल पर जनता की आवाज को दबाने की कोशिश मंत्री गौतम देव कर रहे हैं.
एसयूसीआइसी ने भी इस घटना की निंदा की है. एसयूसीआइसी के जिला सचिव गौतम भट्टाचार्य का कहना है कि विरोध प्रदर्शन करना नागरिकों का गणतांत्रिक अधिकार है. पुलिस ने निरीह लोगों पर लाठी चार्ज कर गणतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन किया है. श्री भट्टाचार्य ने एक प्रेस बयान जारी कर आगे कहा है कि विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण को लेकर वहां काफी दिनों से स्थिति तनावपूर्ण थी. पुलिस और प्रशासन को स्थानीय लोगों से बातचीत कर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए था. पुलिस ने ऐसा नहीं कर ना केवल विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की पिटायी की, बल्कि महिलाओं तक को नहीं छोड़ा.
महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिये गये. श्री भट्टचार्य ने कहा है कि स्थानीय लोगों की उपेक्षा कर विकास की बात करना बेमानी है. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने मंत्री गौतम देव का बचाव किया है. तृणमूल कांग्रेस के जिला महासचिव कृष्णचंद्र पाल का कहना है कि विकास की गति को रोकने की यदि कोई कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण होने से वहां प्रदूषण कम होगा. सिलीगुड़ी की आबादी करीब दस लाख है. यहां एक और श्मशान घाट की जरूरत है. इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने रामघाट में विद्युत शवदाह चूल्हे के निर्माण का निर्णय लिया है. कुछ लोग राजनीतिक कारणों से इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच, रामघाट में कल शवदाह के क्रम में श्मशान घाट जाने वाले लोगों के साथ मार-पीट तथा शवदाह रोके जाने की घटना को लेकर मारवाड़ी समाज में उबाल है. मारवाड़ी समाज के लोगों ने इस पूरे मामले की निंदा की है. मारवाड़ी युवा मंच के सचिव महेश डालमिया का कहना है कि मारवाड़ी समाज के लोग वर्षो से शवदाह के लिए रामघाट जाते रहे हैं.
रामघाट में शवदाह के लिए रोका जाना सही कदम नहीं है. उन्होंने इस पूरे मामले की निंदा की है. इस घटना को लेकर आज मारवाड़ी समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा सिलीगुड़ी के सेवक रोड एवं चर्च रोड की दुकानें बंद करा दी. इसके अलावा नया बाजार, खालपाड़ा, नेहरू रोड, कालीनाथ रोड आदि इलाकों में भी दुकानें बंद करा दी गयीं. उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी में दो श्मशान घाट है. इनमें एक वार्ड नंबर एक स्थित राजेंद्र नगर कुलीपाड़ा में तथा दूसरा वार्ड नंबर 5 स्थित रामघाट में है. इनमें रामघाट स्थित श्मशान घाट में अधिकांश तौर पर मारवाड़ी समाज के लोग आते हैं. इस समाज के लोगों का कहना है कि रामघाट स्थित श्मशान घाट काफी पुराना है. वर्षो से यहां शवदाह का काम होते आया है. अब राजनीतिक कारणों से शवदाह का विरोध हो रहा है.