सुभाष घीसिंग के नेतृत्व में ही पहाड़ पर शांति लौटेगी
सिलीगुड़ी: पहाड़ का विकास जीटीए से नहीं, बल्कि छठी अनुसूचि से होगा. गोरखाओं को हमेशा विदेशी कहकर ताना कसा जाता था. लेकिन सुभाष घीसिंग के आंदोलन ने ही उसे भारतीयता की नागरिकता प्रदान की. पहाड़ की जनता गोजामुमो का असली चेहरा देख चुकी है. अब वह भेड़ की चाल नहीं चलेगी. गोजामुमो के नाटक का […]
सिलीगुड़ी: पहाड़ का विकास जीटीए से नहीं, बल्कि छठी अनुसूचि से होगा. गोरखाओं को हमेशा विदेशी कहकर ताना कसा जाता था. लेकिन सुभाष घीसिंग के आंदोलन ने ही उसे भारतीयता की नागरिकता प्रदान की. पहाड़ की जनता गोजामुमो का असली चेहरा देख चुकी है.
अब वह भेड़ की चाल नहीं चलेगी. गोजामुमो के नाटक का भेद अब किसी से छुपा नहीं. यह कहना है गोरामुमो, कालिम्पोंग के मुख्य संयोजक मोहरिश कालीकोटे. वें गुरूवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. गोरामुमो के मोहरिश कालीकोटे ने बताया कि पहाड़ की 89.5 फीसदी जनता हमारे साथ है.
हमने छह साल डुवार्स में रहा. कालिम्पोंग में हमारे घर और दुकान को सरेआम पुलिस प्रशासन के सामने जलाया गया. 2005 से गोजामुमो जनता को गुमराह कर रही है. जीटीए के अनुबंध में बहुत सारी कमजोरी है. सुभाष घीसिंग जल्द पहाड़ जायेंगे.