सिलीगुड़ी: 29 अप्रैल को सिलीगुड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मलय कांति करंजई को मिले ‘विद्या रत्न’ सम्मान को लेकर कई सवाल उठ रहे है. गौरतलब है कि एक निजी संस्था इकोनोमिक्स फोर एजुकेशन हेल्थ ग्रोथ की ओर से प्राचार्य को विद्या रतन का सम्मान मिला था.
इस सम्मान को लेकर कॉलेज की और से उनका अभिवादन भी किया गया. लेकिन राज्य सरकार डायरेक्टरेट ऑफ पब्लिक इंसपेक्सन(डीपीआई) की टीम ने गोवर्निग मेम्बर के सदस्यों के साथ इस विषय पर बैठक की. इस सम्मान के लिए कॉलेज कोष से 60 हजार रूपये खर्चे हुये थे, जबकि यह पैसा छात्रों का था.
सरकार का था. सेवामूलक कार्य के लिए था. डीपाई अधिकारी सांतनु चक्रवर्ती ने बताया कि गोवर्निग बॉडी के सदस्यों से इस सम्मान राशि के खर्चे पर बात हुई. साथ ही रीमेडियल कोचिंग को लेकर भी बैठक हुई. सम्मान पर उठे सवाल के संबंध में प्राचार्य डॉ मलय कांति करंजयी ने बताया कि डीपीआई की टीम का हमने सहयोग किया. वह जो जांच करना चाहे कर सकती है. हमसे जो कागजात मांगे गये, हमने दिया है.