सुराहा चिटफंड कंपनी पर निवेशकों का सात करोड़ बकाया

सिलीगुड़ी: चिटफंड कंपनी सारधा ग्रुप के बाद एक के बाद एक चोर कंपनियों का नाम सामने आ रहा है. सारधा के खिलाफ कार्रवायी जोर-शोर से चल रही है. मुआवजा के लिए भी बात हो रही है. लेकिन अन्य कंपिनयों को लेकर प्रशासन उदासीन है. जून 2012 से एजेंट का वेतन बकाया है. एजेंट का कहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:33 PM

सिलीगुड़ी: चिटफंड कंपनी सारधा ग्रुप के बाद एक के बाद एक चोर कंपनियों का नाम सामने आ रहा है. सारधा के खिलाफ कार्रवायी जोर-शोर से चल रही है. मुआवजा के लिए भी बात हो रही है. लेकिन अन्य कंपिनयों को लेकर प्रशासन उदासीन है. जून 2012 से एजेंट का वेतन बकाया है. एजेंट का कहना है इस कंपनी के अंतर्गत पांच से छह हजार कर्मचारी है. निवेशक का सात करोड़ बकाया है.

कंपनी के निदेशक दिलीप रंजन नाथ ने नौ अक्टूबर 12 तथा 31 जनवरी 2013 को विभिन्न अखबारों के माध्यम से भुगतान देने का आश्वासन दिया था. लेकिन कर्मचारियों को न वेतन मिला है, न निवेशकों का पैसा मिला है. इस कंपनी के कर्मचारियों ने शुक्रवार ने प्रेस-वार्ता के माध्यम से प्रशासनिक उदासीनता के विषय में बताया.

एजेंट जीतेंद्र महतो ने बताया कि सारधा के सुदीप्तो सेन की गिरफ्तारी तो हो गयी, लेकिन सुराहा के दिलीप रंजन नाथ अभी तक गिरफ्तार नहीं हुये. सरकार हमारे मुआवजे को लेकर बात नहीं कर रही है. पिछले दिनों जयनगर में प्राथमिकी दर्ज कराने के दौरान पुलिस ने हमारे सदस्यों पर लाठी चार्ज किया. सुराहा के विरोध में राज्य भर में आंदोलन चल रहा है. लेकिन कार्रवायी पांच पैसे की भी नहीं हुई.

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