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ग्रेटर कूचबिहार ने जमीन पर ठोंका दावा कानूनी प्रक्रिया की तैयारी शुरू कूचबिहार: चकचका औद्योगिक परिसर में जूट पार्क के निर्माण पर ग्रहण लगता दिखाइ पड़ रहा है और कानूनी लड़ाइ भी शुरू होने वाली है.शहर के जिस जमीन पर इस पार्क का निर्माण हो रहा है,उस पर ग्रेटरों ने दावा ठोक दिया है. इसको […]
ग्रेटर कूचबिहार ने जमीन पर ठोंका दावा
कानूनी प्रक्रिया की तैयारी शुरू
कूचबिहार: चकचका औद्योगिक परिसर में जूट पार्क के निर्माण पर ग्रहण लगता दिखाइ पड़ रहा है और कानूनी लड़ाइ भी शुरू होने वाली है.शहर के जिस जमीन पर इस पार्क का निर्माण हो रहा है,उस पर ग्रेटरों ने दावा ठोक दिया है.
इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने भी इस बार द ग्रेटर कूचबिहार पिपुल्स एसोसिएशन के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की तैयारी कर ली है. जिला प्रशासन का आरोप है कि ग्रेटर के बाधाओं के चलते बीते सितंबर महीने से यहां काम बंद है.
ग्रेटर के नेताओं का दावा है कि औद्योगिक परिसर की जमीन उनकी है. वे वहां स्वतंत्र कूचबिहार राज्य का कार्यालय, कम्युनिटी हॉल, कर्मचारियों के आवास बनायेंगे. इसलिए वे वहां जूट पार्क का निर्माण करने नहीं दे रहे हैं. इससे पहले कई बार ग्रेटर के नेताओं के साथ बातचीत के जरिये कूचबिहार जिला प्रशासन ने समस्या को सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
इसलिए इस बार प्रशासन कड़ाइ से इससे निपटने की कोशिश में जुट गयी है. इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम के सीईओ एसके खान ने जिला शासक को पत्र भी सौंपा है. इस संबंध में द ग्रेटर कूचबिहार पिपुल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल राय का कहना है कि वह जमीन उनकी है.
उनलोगों पास पर्याप्त कागजात है. प्रशासन अगर कानून का रास्ता अपनायेगी तो हम भी काननू की ही मदद लेंगे. जिला शासक पी उल्गानाथन ने बताया कि सरकारी कामकाज में बाधा देने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. कूचबिहार सदर के महकमा शासक विकास साहा ने बताया कि ग्रेटर का दावा बेबुनियाद है. कोई तथ्य व प्रमाण नहीं है. जिस जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया है, उसकी रजिस्ट्री कैसे हो सकती है. ग्रेटर के पास जो कागजात हैं, वह नकली है.
इसके बावजूद वे सरकारी कामकाज में बाधा दे रहे हैं. दो-एक दिनों में ही नोटस भेज दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि विगत पंचायत चुनाव में ममता बनर्जी ने खुद कूचबिहार आकर औद्योगिक परिसर के खाली जमीन पर जूट पार्क निर्माण की घोषणा की थी. जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार, औद्योगिक परिसर के करीब 35 एकड़ जमीन पर इस पार्क का निर्माण हो रहा है. पहले चरण में साढ़े सात करोड़ रुपये जूट पार्क के आवंटित किये गए हैं. इस धनराशि से सड़क,पेयजल, निकासी व्यवस्था का कामकाज होगा. प्रशासन सूत्रों के अनुसार, सितंबर महीने में सड़क बनाने के लिए बालू, मिट्टी, पत्थर गिराये गये थे, दो ठेकेदारों ने जब काम शुरू किया तो ग्रेटर के सदस्यों ने आकर काम रोक दिया. इसके बाद तीन नवंबर को ग्रेटर एसोसिएशन ने जिला शासक को लिखित रूप से ज्ञापन देकर जमीन पर अपना दावा कर दिया.
जमीन की रजिस्ट्री के कागजात भी उनलोंगों ने जिला शासक को दिया. राज्यपाल को भी उसकी प्रतिलिपि भेजी गयी. 20 दिसंबर को जिला शासक कार्यालय में भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को लेकर सदर महकमा शासक की मौजूदगी में एक बैठक की गयी. बैठक में ग्रेटर नेताओं को बताया गया कि 106 एकड़ जमीन राज्य सरकार की है और राज्य सरकार ने 1987 को ही इस जमीन का अधिग्रहण किया है.
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