मालदा: आइटीआइ के लिए जमीन देने के बदले सरकारी नौकरी व खेती के लिए खास जमीन दिये जाने का आश्वासन दिया गया था. फरवरी 2010 को मालदा के हबीबपुर ब्लॉक में आइटीआइ का उद्घाटन करने आए तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने यह आश्वासन दिया था.
मुख्यमंत्री का आश्वासन पाकर आइटीआइ के लिए जमीन देने वाले जमीन मालिक चुरको बास्के व उसके परिवार ने काफी उम्मीदें लगायी थी. इस घटना के बाद साढ़े तीन साल बीत गये. लेकिन आश्वासन हकीकत में तब्दील नहीं किया गया. जिसके चलते आज भी तीन बच्चों व पत्नी को लेकर चुरको बाक्से अर्धाहार व अनाहार में दिन गुजार रहे हैं. पड़ोसियों की सहायता से यह परिवार जिंदा है. छोटे छोटे बच्चों का जीवन बचाने के लिए चुरको बास्के व उनकी पत्नी विनती मुमरू राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारस्थ होने का निर्णय लिया है.
हबीबपुर ब्लॉक के बुलबुलचंडी ग्राम पंचायत के आदिवासी बहुल हापानिया गांव में टूटे-फूटे एक टिले के मकान में चुरको बास्के अपने परिवार को लेकर रह रहे हैं. एक समय था जब उनके पास नौ बीघा जमीन थी. स्थानीय माकपा विधायक खगेन मुमरू ने चुरको बास्के की जमीन पर आइटीआइ शिक्षा केंद्र बनाने के लिए तरह तरह के सपने दिखा कर उनका जमीन ले लिया था. हबीबपुर आइटीआइ के अध्यक्ष संदीप विश्वास ने बताया कि उन्होंने सुना है कि चुरको बास्के ने शिक्षाकेंद्र के लिए जमीन दान किया था. लेकिन बाद में क्या हुआ, क्यों उन्हें नौकरी नहीं दी गयी इस बारे में उन्हें कुछ मालूम नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च पदस्थ अधिकारी ही बता पायेंगे. हबीबपुर केंद्र के माकपा विधायक खगेन मुमरू ने कहा कि चुरको बास्के को नौकरी देने के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया था. लेकिन इसी बीच सरकार बदल गयी और कुछ करना संभव नहीं हुआ. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के जिला नेता व पर्यटन दफ्तर के मंत्री कृष्णोंदु चौधरी ने कहा कि वामो ने बीते 34 वर्षों के शासनकाल में आदिवासियों को कई झूठे आश्वासन देकर उनसे सिर्फ धोखा किया है. उन्होंने चुरको बास्के व उनके परिवार के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराने का आश्वासन दिया.