दीवार गिरने से बच्ची मरी, शोक

सिलीगुड़ी: काश! आज हड़ताल न होता. स्कूल खुले होते, तो नंदिनी आज जीवित होती.चंपासारी, पोकाईजोत इलाके की नंदिनी(11 वर्ष) दोपहर में खेलते-खेलते एक भवन निर्माण हो रहे गली से गुजर रही थी. वहां आज भी काम हो रहा था. अचानक कच्ची दिवार उसके ऊपर गिर पड़ी. बच्ची ईंट-पत्थर के बीच तड़पती रही. लेकिन उसे बचाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2013 6:45 AM

सिलीगुड़ी: काश! आज हड़ताल न होता. स्कूल खुले होते, तो नंदिनी आज जीवित होती.चंपासारी, पोकाईजोत इलाके की नंदिनी(11 वर्ष) दोपहर में खेलते-खेलते एक भवन निर्माण हो रहे गली से गुजर रही थी. वहां आज भी काम हो रहा था. अचानक कच्ची दिवार उसके ऊपर गिर पड़ी. बच्ची ईंट-पत्थर के बीच तड़पती रही. लेकिन उसे बचाने कोई नहीं आया.

थोड़ी ही देर में उसके प्राण-पखेरू उड़ गये. नंदिनी के पिता संजय महतो ने बताया कि मेरी एकलौती लाडली अब नहीं है. मानने का मन नहीं करता. सुबह उसके साथ बातें की.

उसे दुलारा-पुचकारा. खाना खाकर बाहर निकली ही थी. थोड़ी देर बाद सूचना मिली की वह दिवार गिरने के कारण घायल हो गयी. घटनास्थल पर जाकर देखा,तो पूरी जगह खून से पटा हुआ था. बच्ची की किसी ने मदद तक नहीं की. नंदिनी डॉ राजेंद्र प्रसाद गल्र्स स्कूल की छात्र थी. इस घटना में चंपासारी, पोकाईजोत इलाके में शोक का माहौल है. मां काया महतो बेटी के गम में बेहताशा रो रही हैं. इस घटना से पूरे इलाके में शोक का माहौल है.

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