बदइंतजामी का लगाया आरोप

सिलीगुड़ी : गुरुवार को दोपहर को अचानक आयी बारिश ने पुस्तक मेले का रंग फीका कर दिया है.आज भी यहां कइ स्टॉल बंद थे.अचानक आयी बारिश की वजह से सिलीगुड़ी महकमा पुस्तक मेले में आये प्रकाशकों व पुस्तक विक्रेताओं को भारी नुकसान हुआ है. पुस्तक बिक्रता इसके लिए आयोजकों पर बदइंतजाकी का आरोप लगा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 12:26 AM
सिलीगुड़ी : गुरुवार को दोपहर को अचानक आयी बारिश ने पुस्तक मेले का रंग फीका कर दिया है.आज भी यहां कइ स्टॉल बंद थे.अचानक आयी बारिश की वजह से सिलीगुड़ी महकमा पुस्तक मेले में आये प्रकाशकों व पुस्तक विक्रेताओं को भारी नुकसान हुआ है.
पुस्तक बिक्रता इसके लिए आयोजकों पर बदइंतजाकी का आरोप लगा रहे हैं. गुस्साए कई पुस्तक व्यवसायी कल ही बारिश खत्म होने के बाद यहां से चले गये. इनलोगों ने मेले के आयोजक पश्चिम बंगाल पुस्तकालय विभाग को जिम्मेदार माना है.
इधर,आयोजक कमेटी की संयुक्त सचिव नंदिता सिन्हा घोष का कहना है कि बारिश एक प्राकृतिक आपदा है. विक्रेताओं को इससे नाराज नहीं होना चाहिए. उल्लेखनीय है कि इस बार सरकारी पुस्तक मेला देशबंधुपाड़ा के तराई तारापद आदर्श विद्यालय प्रांगण में लगाया गया है. मेले के चारो ओर रंग-बिरंगे कपड़ों से पंडाल बनाया गया है.
स्टॉलों के उपर तिरपाल के बदले कपड़े लगाये गये है. किसी भी स्टॉल के सामने गेट नहीं बनाया गया. रात को स्टॉल का सामने का हिस्सा बोरे से ढकना पड़ता है. शुरू से ही पुस्तक मेले की सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है. कल 30 मिनट तक हुई बारिश के दौरान ज्यादातर स्टॉलों के सारे किताब पानी में भीग कर नष्ट हो गये. एक स्टॉल के कर्मचारी ने बताया कि अधिकांश पुस्तकें नष्ट हो चुकी है. करीब साढ़े तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है. बारिश के दौरान स्टॉल वाले पुस्तकों को किसी तरह टेबल के नीचे रखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इससे कुछ लाभ नहीं हुआ.
पानी में भीग कर सारे पुस्तक खराब हो गये. पुस्तक बिक्रेताओं का कहना है कि एक स्टॉल के लिए मेला कमेटी को तीन हजार रुपये देना पड़ा, लेकिन आयोजक कमेटी की ओर से बुनियादी ढांचे की व्यवस्था नहीं की गयी. 100 डॉलर मूल्य के कई अंतरराष्ट्रीय पुस्तक भी पानी से बेकार हो चुके है. आज मेले में स्टॉलों की संख्या काफी कम नजर आयी. कई पुस्तक व्यवसायी मेला छोड़ कर चले गये है. इसबीच आज स्टॉलों पर बरसात से बचने के लिए तिरपाल लगाया गया है,लेकिन मेले में वह रौनक नहीं है.

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