सिलीगुड़ी: बेटा न होने के कारण, सुशीला देवी ने अपनी तीनों बेटियों की परवरिश बड़े लाड़-प्यार से किया. पति के चले जाने के बाद खुद पिता का फर्ज निभाया, लेकिन बेटी उसके ऊपर एक दिन हाथ उठायेगी, देर रात उसे बेदखल करेगी, उसने सपने में भी नहीं सोचा था. यह घटना है चंपासारी, ज्योतिनगर का. 75 वर्षीय सुशीला देवी की. फिलहाल उसे रहने के लिए छत भी नहीं है. कलयुगी बेटी और जमाई ने मिलकर उसके तीन कमरों का घर रात भर में तुड़वा दिया. घर का सोना, नगद सब लूट ले गये. और मां को मारपीट कर सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया.
सुशीला देवी ने बताया कि उसकी मझली बेटी चुनमुन गुप्ता और सुशील गुप्ता उसके साथ रहते थे. जमाई और बेटी मेरी जमीन अपने नाम करवाना चाहते थे. मैंने कहा कि मेरा पास दो कट्ठा जमीन के सिवा कुछ नहीं. कोई बेटा नहीं जो मुझे देखेगा. मैं नहीं दे सकती. पिछले एक डेढ़ वर्ष से दोनों मुझे मारते -पीटते थे. लेकिन गुरूवार की रात दोनों ने हद कर दी. मुझे मारा-पीटा और पड़ोसी निताई शील के साथ मिलकर मेरे घर को चकनाचूर कर दिया. मैं अपनी अधिवक्ता रीमा और सिद्धी सेठिया के पास गयी.
पुलिस ने प्राथमिकी लेने से भी अस्वीकार कर दिया. बाद में मेरे अधिवक्ता के कहने पर उसे स्वीकार किया, लेकिन जीडी नं. नहीं दिया. कार्रवायी के नाम पर टूटे घर को देखकर चली गयी. अभी तक मेरे बेटी और जमाई को गिरफ्तार नहीं किया गया. अधिवक्ता रीमा ने बताया इनके बेटी और जमाई पर घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत केस किया गया है. मजिस्ट्रेट सुप्रिया खाने ने मां को प्रति माह दो हजार और शांतिपूर्वक रखने का निर्देश दिया. बेटी और जमाई न पैसे दे रहे है, बल्कि मां सुशीला साह के साथ अमानवीय अत्याचार कर रहे है.