कब्र से निकाला कंकाल

पानागढ़ : बुदबुद थाना क्षेत्र के मानकर रोड स्थित कब्रगाह में शुक्रवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था व गलसी एक ब्लॉक की बीडीओ ब्रतती मैत्र की उपस्थिति में एक कब्र खोदकर पांच माह पहले दफनायी गयी बेली बेगम का कंकाल निकाला गया. मौके पर कांकसा सीआइ विश्वजीत दास, बुदबुद थानाप्रभारी आकाश मुंशी, बुदबुद कब्रगाह कमेटी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2013 11:58 PM

पानागढ़ : बुदबुद थाना क्षेत्र के मानकर रोड स्थित कब्रगाह में शुक्रवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था गलसी एक ब्लॉक की बीडीओ ब्रतती मैत्र की उपस्थिति में एक कब्र खोदकर पांच माह पहले दफनायी गयी बेली बेगम का कंकाल निकाला गया. मौके पर कांकसा सीआइ विश्वजीत दास, बुदबुद थानाप्रभारी आकाश मुंशी, बुदबुद कब्रगाह कमेटी के शेख शराफत अली अभियोग पक्ष से शेख बाबू आदि उपस्थित थे.

खुदायी के दौरान बारिश आने के बावजूद कार्य जारी रहा कब्र से सारे अस्थिपंजर निकाल कर फोरेंसिक जांच हेतु भेजा जायेगा. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 12 वर्ष पहले बर्दवान हेटोदेवान दिघी पीरतला निवासी नइमा बीबी की पुत्री बेली बेगम का विवाह बुदबुद थाना के आजाद पल्ली निवासी मोहम्मद इसलाम अंसारी के साथ हुआ था.

दोनों के दो पुत्र एक पुत्री है. 19 मार्च, 2013 को बेली बेगम की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई. घटना की जानकारी चार दिनों बाद मृतका की मां को हुई, तब तक बेली का शव दफना दिया गया था. इस बीच बेली का द्वितीय पुत्र अमल ने अपनी नानी नइमा बीबी को इशारा कर बताया कि उसकी मां को उसके पिता ने ही तकिया से दमघोट कर मार दिया. घटना को लेकर नइमा ने पुत्री की हत्या और साक्ष्य मिटाने को लेकर बर्दवान सीजीएम कोर्ट में दामाद मोहम्मद इसलाम अंसारी, देवर मोहम्मद रफिक अंसारी, ननद नजमा बेगम आदि के खिलाफ अभियोग दायर कर शव के अंत्यपरीक्षण की मांग की.

बताया जाता है कि कोर्ट के आदेश के बाद तीन दिनों पहले ही बुदबुद थाना पुलिस ने मृतका के पति देवर को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया था. शुक्रवार सुबह कब्रगाह में पति के निशानदेही पर कब्र खोद कर शव को बरामद किया गया. मृतका की मां नइमा बीबी ने बताया कि उसकी पुत्री पर शारीरिक मानसिक अत्याचार किया जाता था.

बेली की उसके पति ने हत्या की है. वह चाहती है कि मोहम्मद इसलाम को कड़ी से कड़ी सजा मिले. बीडीओ ब्रतती मैत्र ने कहा कि शिकायत के बाद कोर्ट के आदेशानुसार चार माह बाद कब्र खोद कर कंकाल बरामद कर फोरेंसिंक जांच हेतु बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मार्फत कोलकाता भेजा जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मामला हत्या का है या फिर स्वभाविक मौत का.

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