– जे कुंदन –
हावड़ा : कोलकाता व हावड़ा के विभिन्न अस्पतालों, नर्सिग होमों व डायग्नोस्टिक सेंटरों से बॉयो मेडिकल वेस्टेज (अस्पताल का वज्र्य पदार्थ) संग्रह कर उसे डिस्पोजल (नष्ट) करनेवाली एक कंपनी के 78 कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है. कर्मचारी वेतन बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं. कंपनी के सभी कर्मचारी ने दो जुलाई से काम बंद रखा है.
इससे अस्पतालों में मेडिकल वेस्टेज का अंबार लगा है. इससे प्रदूषण व गंदगी फैलने का खतरा बना हुआ है.
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओएच) देवाशीष राय ने कहा है कि यह सच है कि कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है. इससे गंभीर समस्या बनी हुई है. अस्पतालों के वज्र्य पदार्थ की रोजाना सफाई नहीं होने से चिंता बनी हुई है. कुछ अस्थायी कर्मचारियों की मदद से वज्र्य पदार्थ हटाया जा रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. अगर जल्द ही कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं, तो स्थिति बिगड़ सकती है.
क्या है घटना
लिलुआ थाना के बेलगछिया एफ रोड में सेमब्रमकी इनवायरोमेंटल प्राइवेट मैनेजमेंट लिमिटेड स्थित है. यह कंपनी अस्पताल, डायोग्नोस्टिक सेंटर व नर्सिग होम से वज्र्य पदार्थ संग्रह कर नष्ट करती है. इस कंपनी में अलग–अलग पदों (चालक, पिकर व प्लांट वर्कर) पर कुल 78 कर्मचारी कार्यरत हैं. कर्मचारी पिंटू सरकार ने बताया कि कंपनी ने लगभग 15 जूनियर कर्मचारियों का वेतन बढ़ा दिया, जबकि अन्य कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया.
कर्मचारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग प्रबंधन के सामने रखी. लेकिन प्रबंधन ने वेतन बढ़ाने से इनकार कर दिया. इसके बाद डिस्ट्रिक्ट लेबर कमिश्नर संदीप नंदी ने प्रबंधन व श्रमिकों को लेकर बैठक की, लेकिन कोई हल नहीं निकला.
कर्मचारियों व प्रबंधन के बीच इस मसले पर बहस हो गयी. प्रबंधन ने 13 कर्मचारियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवा दी. गुरुवार रात विश्वनाथ सरकार व विश्वजीत मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कंपनी के एक कर्मचारी देव कुमार सिंह ने बताया कि दो जुलाई से उन लोगों ने काम बंद रखा है. वे लोग काम पर लौटना चाहते हैं, लेकिन प्रबंधन उन 13 श्रमिकों को काम पर नहीं रखना चाहता है.
उन श्रमिकों को जब तक काम पर नहीं रखा जायेगा, हमलोग काम पर नहीं जायेंगे. कर्मचारियों ने बताया कि उनलोगों को जून का भी वेतन नहीं मिला है, जिससे कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. दिल्ली से आये कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों ने काम बंद रखा है. उनसे बातचीत की जा रही है. कर्मचारियों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं. उम्मीद है कि एक–दो दिनों के अंदर मामला सुलझ जायेगा.