सोशल साइंस रिसर्च सेंटर की पहल

आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के समन्वयक व बीबी कॉलेज के इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ त्रिदीबसंतपा कुंडू ने आसनसोल में काजी नजरूल सेंटर फॉर सोशल स्टडीज के नाम पर सोशल साइंस रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव राज्य के कृषि मंत्री मलय घटक को दिया है. मंत्री श्री घटक ने इसे गंभीरता से लेते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2013 1:23 AM

आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के समन्वयक बीबी कॉलेज के इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ त्रिदीबसंतपा कुंडू ने आसनसोल में काजी नजरूल सेंटर फॉर सोशल स्टडीज के नाम पर सोशल साइंस रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव राज्य के कृषि मंत्री मलय घटक को दिया है.

मंत्री श्री घटक ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने चार अगस्त को इससे संबंधित पत्र डॉ कुंडू को भेजा है. इस सेंटर के लिए सात प्राध्यापक रिसर्चर की एक टीम प्रयासरत है.

बीबी कॉलेज के इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ कुंडू के नेतृत्व वाली इस टीम में बीबी कॉलेज के वाणिज्य विभाग के डॉ अमिताभ बसु, इतिहास विभाग के डॉ सुदीप चक्रवर्ती, बीसी कॉलेज के राजनीति विज्ञान के डॉ साबेरा शर्मा, हुगली महसीन कॉलेज के इतिहास विभाग के अभिजीत सरकार, स्वतंत्र रिसर्चर अदिती कुंडू पर्यावरण विज्ञान के स्वतंत्र स्कॉलर मनीमाला मिश्र शामिल है.

डॉ कुंडू ने बताया कि 21 अगस्त को विश्वविद्यालय के प्रथम शैक्षणिक सत्र के उदघाटन मौके पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु को भी इसकी जानकारी दी जायेगी. इससे पहले सेंटर के स्थापना के लिए राज्य के कृषि मंत्री मलय घटक को भेजे गये पत्र की प्रतिलिपि मेयर तापस बनर्जी, केएनयू की कुलपति डॉ अनुराधा मुखर्जी को पत्र लिखा गया था.

उन्होंने कहा कि वर्दवान जिला का पश्चिमी हिस्सा उच्च शिक्षा शोध के क्षेत्र से वंचित है. चित्तरंजन से दुर्गापुर तक का यह क्षेत्र कोयला खनन और औद्योगिक क्रियाकलाप के लिए चर्चित है. इस क्षेत्र के बेहतर आर्थिक पहलू को देखते हुए देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग यहां आकर बस गये.

पूर्वी भारत में आसनसोल में रेलवे का काफी बड़ा दायरा है. यहां एंग्लो इंडियंस द्वारा कुछ अच्छे स्कूल चर्च स्थापित भी हुए है. लंबे समय से की जा रही मांग को वर्तमान राज्य सरकार ने स्वीकार करते हुए यहां एक केएनयू की स्थापना की. काजी नजरूल इसलाम बंगाल के काफी प्रसिद्ध कवि साहित्यकार है.

इसलिए यहां उनके नाम पर एक सोशल साइंस रिसर्च सेंटर की स्थापना होनी चाहिए. यह समाज विज्ञान के विभिन्न शाखाओं से शिक्षा हासिल करने शोध करने वालों के लिए काफी मददगार साबित होगी. इसका मुख्य उद्देश्य छात्रछात्रओं, स्कॉलर्स, शिक्षकों को उत्साहित करना है.

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