सिलीगुड़ी : अच्छा और बुरा काम मनुष्य का मस्तिष्क कराता है. यदि उसमें सदभावना के बीज बो दिये जाये, तो वह बुरा काम नहीं करे. इसी उद्देश्य को लेकर अणुव्रत समिति सिलीगुड़ी की ओर से सिलीगुड़ी जेल में तीन दिवसीय ‘ प्रेक्षा ध्यान शिविर’ का आयोजन किया गया था.
आचार्य महाश्रमण के निर्देश पर मुंबई से मिसरी लाल जैन और जयचंद लाल दुग्गड़ जैसे प्रशिक्षक को प्रशिक्षण देने के लिए भेजा गया था. जेलर देवाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि अणुव्रत समिति के इस कार्यक्रम से कैदियों के दिल–दिमाग पर काफी प्रभाव पड़ा है. उनके आचरण में परिवर्त्तन हुआ है.
हम आगे भी चाहेंगे कि ऐसे कार्यक्रम हो. लोगों में अपराध, नशा करने की मनोवृत्ति मिटे. प्रेक्षा शिविर का आयोजन तेरापंथ भवन के साथ दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल, शारदा शिशुतीर्थ व हिंदी बालिका विद्यापीठ में हुआ. प्रशिक्षकों ने प्रणायाम, मन को एकाग्रचित रखने और जीवन जीने की कला सिखाया.तीन–चार के बच्चों के साथ, बड़ी संख्या में युवक–युवतियों और बड़े–बुजरुग ने भाग लिया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा और महिला मंडल ने भी सहयोग दिया. कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष नवरतन पारख, समिति के अध्यक्ष मेघराज सेठिया, उपाध्यक्ष सुरेंद्र घोड़ावत, सचिव राकेश मालू, किरण चंद्र नवलखा, तोलाराम सेठिया, नवरतन मेहनोत, मदन मालू, अशोक गोलछा, अशोक पारख आदि सदस्यों ने अपना सहयोग दिया.