सिलीगुड़ी : 10 साल पहले भी रेप, अपहरण व हत्या की घटनायें होती थी. लेकिन दोनों में अंतर इतना है कि पहले होने वाली घटनाओं के आरोपी जेल की हवा खा रहे है. और अब के आरोपी का अरोप प्रमाणित होने के बाद वें खुली हवा श्वांस लेते है.
महिलाओं को डराया–धमकाया जाता है. लड़कियां अब स्कूल कॉलेज में जाने से डरती है. बंगाल की महिलाओं ने एक लंबी लड़ाई के बाद घर से बाहर पैर निकाला था. हर क्षेत्र में नाम कमाया था. अब बाहर निकलने से डर रही है.
यह कहना है कलकत्ता विश्वविद्यालय, वूमन स्टडी सेल की निदेशिका इशिता मुखर्जी का. वें रविवार को माहेश्वरी भवन में डीवाईएफआई द्वारा बुलाये गये ‘ राज्य युवती सम्मेलन ’को संबोधित कर रही थी. इस सम्मेलन में राज्य के 19 जिलों से 200 से ऊपर युवती उपस्थित थीं.
इशिता मुखर्जी ने बताया कि हाल–फिलहाल महिलाओं पर होने वाली घटनाओं पर गौर करें तो गैंग रेप की घटनाओं में इजाफा हुआ है. मनचले लड़के संगठित होकर हमला कर रहे है. लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस घटनाओं के प्रति गंभीर नहीं है. हम इन घटनाओं के खिलाफ युवतियों को सशक्त करने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने बताया कि हद यह है कि इस तरह की घटनायें सार्वजनिक स्थलों में होती है. लोग कुछ करने के बजाय, मूक दर्शक की भूमिका अदा करते है.