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सड़क पर भाइयों को राखी बांधेंगी बहनें

– रीता दास – सिलीगुड़ी : मोमबत्ती रैली, मार्सल आर्ट प्रशिक्षण, सभा, रैली व संसद में नारी सुरक्षा विधेयक की बहसों को ठेंगा दिखाते हैं, महिलाओं पर बढ़ते अपराध. दिल्ली में 16 दिसंबर की घटना के बाद गैंग रेप की संख्या में और बढ़ोत्तरी हुई. लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं. घर हो या कार्यालय, वे […]

– रीता दास

सिलीगुड़ी : मोमबत्ती रैली, मार्सल आर्ट प्रशिक्षण, सभा, रैली संसद में नारी सुरक्षा विधेयक की बहसों को ठेंगा दिखाते हैं, महिलाओं पर बढ़ते अपराध. दिल्ली में 16 दिसंबर की घटना के बाद गैंग रेप की संख्या में और बढ़ोत्तरी हुई. लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं. घर हो या कार्यालय, वे शिकार होती हैं.

21 अगस्त को रक्षा बंधन है. इस दिन भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेते हैं. लेकिन अपनी बहनों के साथ सड़क पर अपमानित होने वाली लड़कियां भी किसी की बहन हो सकती है. रक्षा बंधन के इस पावन दिवस पर सिलीगुड़ी की बहने सड़क पर भाइयों को राखी बांधेंगी, और उनसे एक संकल्प लेंगी. वह अपने भैय्या से सोना मांगेगी, चांदी, चॉकलेट.

बाजार की कोई भौतिक वस्तु को वह नाकहेगी. वह केवल अपनी सुरक्षा ही नहीं, समाज की बहनों की सुरक्षा का भी संकल्प दिलवायेगी. बहने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर यह वचन लेगी कि उसकी आंखों के सामने यदि किसी बहन के साथ छेड़खानी हो, तो वह मूकदर्शक बने. वह उसकी सुरक्षा करें. वह उसे पराये की बहन मानकर, उसे अपनी बहन माने. बहने इन भाइयों को रेप फ्री इंडियाका एक कार्ड देगी. ताकि इस सरोकार से वें जुड़ जाये.

डीवाइएफआई की सदस्या उर्मा वर्मन ने बताया कि बंगाल में बेटी बहनों को मानसम्मान से देखने की परंपरा है. उसे मांकहकर संबोधित किया जाता है. वह रात के दस बजे बेफिक्र होकर कार्यालय से घर आती थी. लेकिन विगत कई साल से दुष्कर्मियों के हौसले बुलंद है.

होंगे भी क्यों ? जब बलात्कारी 20 हजार जुर्माना देकर बच जाए. राज्य में अपहरण, बलात्कार की घटना बढ़ी है. लेकिन दुष्किर्मियों को सजा देने के बजाय, आश्रय दिया जाता. हम रक्षा बंधन के दिन शहर के युवाओं से संकल्प लेंगे कि अपने देश की बहनों की रक्षा के लिए आगे आयें. घटना को घटित होते देखने के बजाय उसका प्रतिवाद करें. वहीं सुनीता राय सुब्बा ने बताया कि इस रक्षा बंधन पर भाईयों को अपनी ही नहीं, सभी बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेने का वादा लेगी.

डीवाईएफआई के जिला सचिव शंकर घोष ने बताया कि हम शहर में महिलाओं को सुरक्षा के लिए एक दल तैयार करेंगे. जो पीड़िता है, उसकी सहायता करेंगे. ऐसी घटना हो, इसके लिए शिक्षण संस्थानों से लेकर ऑटो, बस आदि पर हमारी नजर रहेगी.

सार्वजनिक और निर्जन स्थानों पर हमारे सदस्य कार्यकत्र्ता नजर रखेंगे. मनचले लड़कों से किस तरह निपटा जाये, हम अपनी बहनों को बतायेंगे. रक्षा बंधन इस बार केवल रस्त अदायगी भर नहीं रहेगी, इसके कुछ मायने है, यह हम आज के युवाओं को बताने के लिए सड़क पर उतरेंगे.

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