तृणमूल कांग्रेस में घमसान हुआ और तेज, जोना बागची का इस्तीफा

सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर तृणमूल कांग्रेस में मचा घमसान और भी तेज हो गया है. वार्ड नंबर तीन में वार्ड कमेटी के अध्यक्ष गोपाल साहा तथा कांग्रेस के तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए एक नंबर वार्ड के पूर्व काउंसिलर संजय पाठक के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2015 7:36 AM
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर तृणमूल कांग्रेस में मचा घमसान और भी तेज हो गया है. वार्ड नंबर तीन में वार्ड कमेटी के अध्यक्ष गोपाल साहा तथा कांग्रेस के तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए एक नंबर वार्ड के पूर्व काउंसिलर संजय पाठक के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद की आग अभी ठंडी भी नहीं हुआ था कि कल रविवार को वार्ड नंबर 42 में उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव के सामने ही तृणमूल के दो गुट आपस में भिड़ गये थे. वार्ड नंबर 42 में टिकट की दावेदारी को लेकर जीतेन पाल तथा श्यामल राय के बीच संघर्ष चरम पर है.

अब ताजा मामला वार्ड नंबर 31 का है. वार्ड नंबर 31 के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष जोना बागची ने आज तृणमूल से ही इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्होंने टिकट बंटवारे की बात पर इस्तीफा देने संबंधी प्रश्न को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के अंदर रह कर वार्ड में गरीब लोगों के लिए कोई काम नहीं कर पा रही थी. इसी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी है.

श्रीमती बागची आज सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि वह वर्ष 2008 में ममता बनर्जी की सादगी तथा तृणमूल कांग्रेस के आदर्श को देखकर पार्टी में शामिल हुई थी, लेकिन अब यह पार्टी पहले वाली पार्टी नहीं रह गई है. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर नाम लिये बगैर कई आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि पार्टी की आड़ में तृणमूल कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं. वार्ड 31 सहित पूरे इलाके में तृणमूल के कुछ नेता माफियागिरी कर रहे हैं और जमीन के व्यवसाय की आड़ में लोगों को ठग रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने वार्ड में कभी भी गरीबों के हित में काम नहीं कर पायी. उन्हें काम करने से रोका गया. बरसात के समय जल जमाव आदि समस्या को लेकर वार्ड वासी उनसे मिलने आते थे, लेकिन वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पाती थी.

उन्होंने तीन नंबर शहर तृणमूल कमेटी के अध्यक्ष जयदीप नंदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें कई बार इन समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने समस्या के समाधान की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में उम्मीदवारी के लिए टिकट देने अथवा नहीं देने का निर्णय पार्टी का है. ऐसा नहीं है कि वह टिकट नहीं मिलने की खबर से निराश होकर पार्टी से इस्तीफा दे रही है. सच्चई तो यह है कि टिकट दिये जाने पर अभी कोई फैसला ही नहीं हुआ है. इसके अलावा उम्मीदवारी को लेकर वार्ड कमेटी द्वारा जो नाम जिला कमेटी को भेजे गये हैं उनमें उनका भी नाम है. अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि वह टिकट नहीं मिलने से पार्टी छोड़ रही हैं. किसी अन्य पार्टी में जाने से संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है. समय आने पर वह इस बारे में सोचेंगी.

टिकट कटने का था खतरा
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 31 से उम्मीदवारी के लिए वार्ड कमेटी द्वारा चार लोगों के नाम की सिफारिश जिला कमेटी से की गई है. यह वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है. वार्ड कमेटी ने जिन नामों की सूची जिला कमेटी को भेजी है, उनमें जोना बागची का भी नाम है. जोना बागची सहित कुल चार लोगों के नाम भेजे गये हैं. इनमें स्वागता दासगुप्ता, लिपिका सेनगुप्ता तथा मीना गोस्वामी का नाम है. माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस बार स्वागता दासगुप्ता को टिकट दिये जाने की संभावना है.
पहले भी हुआ है विवाद
ऐसा नहीं है कि वार्ड नंबर 31 से जोना बागची अकेले तृणमूल कांग्रेस छोड़ रही हैं. इससे पहले वर्ष 2009 के सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर चैताली सेन शर्मा ने जीत हासिल की थी. लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्होंने काउंसिलर पद से इस्तीफा दे दिया था. तब उन्होंने भी आरोप लगाया था कि तृणमूल के नेता उन्हें काम नहीं करने दे रहे हैं. उसके बाद वहां हुए उपचुनाव में जोना बागची तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन वह हार गई थी.

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