..जगत में कोई न परमानेंट!

सिलीगुड़ी : ‘जगत में न कोई परमानेंट/ तेल,चमेली, शैंपू, साबुन/ चाहे लगा लो सेंट/ जगत में कोई न परमानेंट/..’वास्तव में जगत क्षणभंगुर है. कुछ भी स्थायी (परमानेंट ) नहीं. वाणी भूषण संत श्री शंभु शरण जी लाटा संगीतमय रामकथा के माध्यम से राम भक्तों को यहीं सदेश देते है. वें कहते हैं कि भले प्रभु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2013 12:22 AM

सिलीगुड़ी :जगत में कोई परमानेंट/ तेल,चमेली, शैंपू, साबुन/ चाहे लगा लो सेंट/ जगत में कोई परमानेंट/..’वास्तव में जगत क्षणभंगुर है. कुछ भी स्थायी (परमानेंट ) नहीं. वाणी भूषण संत श्री शंभु शरण जी लाटा संगीतमय रामकथा के माध्यम से राम भक्तों को यहीं सदेश देते है.

वें कहते हैं कि भले प्रभु को याद रखो, लेकिन मृत्यु का स्मरण करो. क्योंकि यह तुम्हें पाप कर्म से रोकेगी. वें गृहस्थ जीवन को जंजाल समझने वालों के लिए कहते हैं कि यहजंजालनहीं, जिम्मेदारी है.

और जिम्मेदारी को ऐसे धारण करों जैसे मुस्कुराकर श्रृंगार करते हो. उल्लेखनीय है पंजाबीपाड़ा मारवाड़ी सेवा ट्रस्ट की ओर से सेवक रोड स्थित सिटी गार्डन में संगीतमय श्रीरामकथा का आयोजन किया गया है.

यह कथा एक सितंबर तक चलेगा.कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक सुशील मुरारका, अध्यक्ष निर्मल अग्रवाल, सचिव शिवनाथ शर्मा, संयुक्त सचिव राज मूंधरा, सुरेश अग्रवाल, विजय अग्रवाल, तुहीराम शर्मा, महेंद्र सिंघल, राम कुमार अग्रवाल सहित विभिन्न सदस्यों ने अपना सहयोग दिया.

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