एक अजीब अभिशाप से जूझ रहा है वार्ड तीन
मालदा बिहूला नदी के किनारे बसे लोगों में बिहूला की कहानी मालदा : मालदा जिले के इंगलिश बाजार नगरपालिका स्थिति वार्ड नंबर तीन एक अनोखे अभिशाप से ग्रस्त है. इस वार्ड में विधवा महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है. नगरपालिका तथा प्रशासन के कथनों से यह स्पष्ट है कि यहां काफी संख्या में विधवा महिलाएं […]
मालदा बिहूला नदी के किनारे बसे लोगों में बिहूला की कहानी
मालदा : मालदा जिले के इंगलिश बाजार नगरपालिका स्थिति वार्ड नंबर तीन एक अनोखे अभिशाप से ग्रस्त है. इस वार्ड में विधवा महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है. नगरपालिका तथा प्रशासन के कथनों से यह स्पष्ट है कि यहां काफी संख्या में विधवा महिलाएं रहती हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुराने जमाने के किसी प्रकोप की वजह से इस वार्ड में दूल्हें की मौत जल्दी हो जाती है और पत्नी विधवा हो जाती है. यह कुसंस्कार घर-घर में फैला हुआ है. स्थिति यह है कि बाहर के लड़की वाले अपनी लड़की की शादी इस वार्ड में नहीं करना चाहते.
कुसंस्कार का यही मामला इस बार नगरपालिका चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा बन कर उभरा है. सभी दलों के उम्मीदवार इस मुद्दे को उठाकर कुसंस्कार खत्म करने का भरोसा दे रहे हैं और अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राचीनकाल से यह बात कही जा रही है कि एक समय यहां से बिहूला नामक एक महिला अपने पति लखमिंदर को शव को ले जा रही थी.
उसकी मौत साप काटने की वजह से हुई थी. कहा जाता है कि जब वह नदी पार कर रही थी तब नदी के किनारे खड़ी महिलाओं ने उसका मजाक उड़ाया. कहा जाता है कि इस मजाक से गुस्साई बिहूला ने शाप देते हुए कहा कि आज जो स्थिति मेरी है वही स्थिति आने वाले दिनों में तुम लोगों की होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी शाप की वजह से यहां विधवा महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है.
इस आधुनिक युग में इस तरह की बातें पूरी तरह से बकवाश है. फिर भी बिहूला नदी के किनारे बसे इस वार्ड के लोग इस प्रकार के कुसंस्कार से मुक्ति नहीं पा रहे हैं. इस बार नगरपालिका चुनाव में सड़क, पीने का पानी, बिजली, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा पूरी तरह से गौन है. आम लोगों में इस कुसंस्कार को खत्म कर लोगों को सजग तथा जागरूक बनाना इस बार मुख्य चुनावी मुद्दा है. सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार इसी मुद्दे को भुनाना चाहते हैं.
3 नंबर वार्ड में मोकातीपुर, फिरोजपुर, फूलबाड़ी, सुरीपाड़ा, लोलाबाग, बेहूलापाड़ा सहित कई इलाके हैं. इन इलाकों की जनसंख्या करीब साढ़े पांच हजार है और मतदाताओं की संख्या 17 सौ आठ है. यहां दो मतदान केन्द्र बनाये गये हैं. कई लोगों का कहना है कि नगरपालिका क्षेत्र में पिछड़ा इलाका होने के कारण यहां की जनसंख्या नहीं बढ़ी है. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि विधवा हो जाने की आशंका के कारण लोगबाग इस इलाके में आकर नहीं बसते हैं. अभिशप्त इलाकों में इस वार्ड की गिनती होती है. मोकातीबपुर इलाके की रहने वाली सुजाता मंडल, माधवी दास, अन्नपूर्णा साह की पति की मौत हो गई है. उनके मन में इलाके के विकास को लेकर कोई सवाल नहीं है.
यह लोग बस अभिशाप से मुक्ति चाहती हैं. इस बार नगरपालिका चुनाव में 3 नंबर वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से दीप्ति चौधरी, भाजपा की ओर से स्वपना हालदार, कांग्रेस की ओर से बिजली दास तथा माकपा की ओर तापसी सेठ चुनाव लड़ रही हैं. भाजपा उम्मीदवार स्वपना हालदार का कहना है कि पांच साल पहले उनकी शादी इस इलाके में हुई है.
उनके परिवार के लोग यहां उनकी शादी करना नहीं चाहते थे. लेकिन उन्होंने इस कुसंस्कार को मानने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह शिक्षित हैं और कुसंस्कार के आगे नहीं झुकते हुए अपनी माता-पिता को इस शादी के लिए राजी किया. उन्होंने माना कि इस इलाके में विधवाओं की संख्या अधिक है.
उन्होंने कहा कि किसी के पति की मौत सड़क दुर्घटना में तो किसी की बीमारी की वजह से हुई है. बिहूला के अभिशाप से किसी की मौत हुई है, ऐसा कहना सही नहीं है. पुरानी जमाने की जो भी बात क्यों न रही हो, इस आधुनिक युग में ऐसे कुसंस्कारों की कोई जगह नहीं है. कांग्रेस, माकपा तथा तृणमूल उम्मीदवारों का भी कुछ ऐसा ही कहना है. इन लोगों ने कहा कि इस वार्ड में रास्ता, पानी, विधवा भत्ता आदि जैसी कई समस्याएं हैं.
इन समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ आम लोगों के मन से कुसंस्कार खत्म करना भी उनकी प्राथमिकता है. इलाके में ऐसे लोगों की भी संख्या काफी है जो कहते हैं कि जब तक इस इलाके में बिहूला नदी बहेगी, तब तक यह कुसंस्कार खत्म नहीं होगा. लोग भूलना भी चाहते हैं तो बिहूला नदी इसकी याद दिलाती है.