ममता ने फिर सीबीआइ की भूमिका पर उठाये सवाल, कहा सारधा मामले की जांच 2000 से क्यों नहीं

कोलकाता. मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सारधा मामले पर पलट वार करते हुए कहा कि इस मामले की जांच राजनीतिक उद्देश्य के तहत की जा रही है. सारधा कंपनी का गठन 2000 में हुआ था, सीबीआइ इसकी जांच 2010 से क्यों कर रही है. किसको बचाने के लिए सीबीआइ जांच 2000 से नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2015 6:35 AM
कोलकाता. मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सारधा मामले पर पलट वार करते हुए कहा कि इस मामले की जांच राजनीतिक उद्देश्य के तहत की जा रही है. सारधा कंपनी का गठन 2000 में हुआ था, सीबीआइ इसकी जांच 2010 से क्यों कर रही है. किसको बचाने के लिए सीबीआइ जांच 2000 से नहीं हो रही है.

सुश्री बनर्जी ने सोमवार को जग्गू बाजार में निगम के तृणमूल उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसका हिसाब होगा. उन्होंने कहा कि कुणाल घोष उनकी पार्टी का राज्यसभा सांसद थे.

जब इस मामले में उसके नाम आये और गिरफ्तारी नहीं हो रही थी, तो सवाल किया जा रहा था कि कुणाल घोष को क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है और जब गिरफ्तार किया गया, तो अब कहा जा रहा है कि क्यों गिरफ्तार किया गया. वहीं सीबीआइ ने उन लोगों से जवाब मांगा, पहले जब जवाब नहीं दे रही थी, तो कहा जा रहा था कि जवाब क्यों नहीं दे रही हैं, लेकिन जब जवाब दिया तो अब कहा जा रहा है कि जवाब क्यों दी. उन्होंने कहा कि करो तो भी और नहीं करो तो भी. सब समय उन लोगों को ही निशाने पर रखा जाता है. वे लोग किसी से नहीं डरेंगे. यदि अकेले रहना पड़े तो रहेंगे, लेकिन सिर नहीं झुकायेंगे और आत्म सम्मान के साथ रहेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, कांग्रेस व माकपा सभी आपस में मिले हुए हैं. तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. धर्म के नाम पर राज्य में दंगा और कुत्सा फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा निगम पर कब्जा करने का सपना देख रहे हैं, लेकिन अपनी ही पार्टी संभाल नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफाया हुआ. मोदी की हवा निकल गयी. बिहार चुनाव में भाजपा को गोलगप्पा मिलेगा और बंगाल चुनाव में यहां से वापस भेज देंगे.

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