एक व्यक्ति से जायसवाल ब्याहुत सेवा ट्रस्ट में ‘सेवा’ ठप!
सिलीगुड़ी : शहर में जायसवाल ब्याहुत जाति के हजारों लोग शहर में निवास कर रहें है और शहर के विकास में अपना योगदान दे रहें है. लेकिन समाजिक कार्य, अपनी जाति को एकमंच पर लाने की कोशिश, गरीब परिवार की सहायता आदि नेक इरादे से 1988 में जायसवाल ब्याहुत सेवा ट्स्ट का गठन किया गया […]
सिलीगुड़ी : शहर में जायसवाल ब्याहुत जाति के हजारों लोग शहर में निवास कर रहें है और शहर के विकास में अपना योगदान दे रहें है. लेकिन समाजिक कार्य, अपनी जाति को एकमंच पर लाने की कोशिश, गरीब परिवार की सहायता आदि नेक इरादे से 1988 में जायसवाल ब्याहुत सेवा ट्स्ट का गठन किया गया था.
वर्धवान रोड में जायसवाल भवन भी बनाया गया. लेकिन एक वरिष्ठ सदस्य व पदाधिकरी रामानंद प्रसाद 1988 से कभी सचिव तथा कभी अध्यक्ष पद पर रहकर हर कार्य में बाधा दे रहे है. कोष में कितना पैसा है, बैठक, सेवा कार्य उनके इशारे में होता है. पिछले आठ माह के भीतर इस ट्रस्ट की ओर से 26 जनवरी में गणतंत्र दिवस मनाया गया था. जिसमें चार–पांच लोग उपस्थित थे. यह कहना है कलवार सर्ववर्गीय समाज के अध्यक्ष व जायसवाल ब्याहुत सेवा ट्रस्ट के ट्रस्टी विपिन बिहारी गुप्ता का. वें शुक्रवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. ट्रस्टी विपिन बिहारी गुप्ता ने बताया कि रामानंद प्रसाद के कारण यह सेवा ट्रस्ट मरने के कगार पर है.
यहां कोई काम नहीं होता. आयकर व नगर निगम का बकाया राशि नहीं दिया गया. 75 वर्ष की आयु में भी उन्हें पद का लोभ है. यहां तक ट्रस्ट का दस्तावेज अपने पास रखते है. पिछले तीन साल से बैठक नहीं हुई. हम ट्रस्ट के नये गठन और जल्द साधारण सभा बुलाने की मांग करते है.