इस कार्यक्रम के संयोजक बसंत कर्वा ने बताया कि इस अवसर पर उनके द्वारा रचित एवं गाये हुए भजनों के प्रथम एलबम ‘विश्वमोहिनी’ का विमोचन भी शाम को सत्संग के दौरान होगा. बसंत कर्वा 1998 से ही आर्ट ऑफ लीविंग से जुड़े हैं एवं प्रत्येक साप्ताहिक एवं अन्य सत्संगों का सिलीगुड़ी एवं आसपास के क्षेत्रों में गायक के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं.
1995 में श्री कर्वा को उत्तर बंग नाट्य जगत ने उनके द्वारा रचित एवं गाये हुए गीतों, गजलों के लिए ‘गुणीजन संवर्धना’ पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा विभिन्न संस्थाओं ने समय-समय पर उन्हें गायन एवं कविता लेखन के लिए पुरस्कृत किया है.सौम्य ज्योति घोष के संगीत निर्देशन में इस एलबम की रिकार्डिग की गयी है. इसमें कोलकाता एवं मुंबई के जाने माने संगीतकारों ने संगीत दिया है. शहनाई, सितार, गीटार, वायलिन, बांसुरी एवं अन्य वाद्य यंत्रों का अद्भूत संगम इस एलबम में चार चांद लगाता है.