सिलीगुड़ी नगर निगम, नवनिर्वाचित पार्षदों ने ली शपथ
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी नगर निगम में आज बोर्ड गठन से पहले एक समारोह के दौरान नवनिर्वाचित पार्षदों ने शपथ ली. सरकारी प्रतिनिनिधि के रुप में मौजूद सभा अध्यक्ष व 23 नंबर वार्ड के तृकां पार्षद कृष्ण चंद्र पाल ने सभी पार्षदों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. समारोह का संचालन निगम के आयुक्त सोनम वांग्दी […]
निगम के प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वाम मोरचा के सभी 23, तृकां के 17, कांग्रेस के चार, भाजपा के दो व एक मात्र निर्दल पार्षद अरविंद घोष उर्फ अमू दा भी शामिल हुए. इनके अलावा दार्जिलिंग जिला के अधिकारी (डीएम) अनुराग श्रीवास्तव, निगम के सचिव सप्तरषि नाग व सभी विभागों के अधिकारी व इंजीनियर भी मौजूद थे. शपथ ग्रहण समारोह पहले से निर्धारित दोपहर एक बजे शुरु हुई.इसबीच शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत से पहले जैसे ही 12 नंबर वार्ड के पार्षद नांटु पाल तृकां के सभी 17 पार्षदों के साथ दाखिल हुए उन्होंने शपथ लेने से पहले निगम आयुक्त सोनम वांग्दी भूटिया पर निशाना साधते हुए निगम में रंग परिवर्तन पर सवाल उठाया.
दोनों ने ही न तो वाम और न ही तृकां के पक्ष में वोट दिया.भाजपा के दोनों पार्षद न तो वाम के पक्ष में हैं और न ही तृकां के पक्ष में. भाजपा पार्षद केवल विकास के पक्ष में हैं. यह कहना है भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया का. शपथ ग्रहण समारोह से लौटने के दौरान मीडिया का सामना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले ही निगम बोर्ड गठन के लिए वाम और तृकां दोनों को ही समर्थन न देने का फैसला कर लिया था. हम आज भी अपने सिद्धांतों पर कायम हैं और सिलीगुड़ी के 44,500 जनता का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने निगम चुनाव में भाजपा पर विश्वास जताकर अपना बहुमूल्य वोट दिया. उन्होंने कहा कि दोनों पार्षद की भूमिका अदा करके ही लोगों के लिए विकास का काम करेंगे. भाजपा के दोनों पार्षद मेयर व चेयरमैन पद के उम्मीदवारों के चुनाव में शामिल नहीं हुए.
श्री पाल के इस अचानक अटपटी बातों से अहलूवालिया को भी पुराना हिसाब याद आया और पलटवार करते हुए कहा कि आपको जब मातृशोक था तब मैंने आपको फोन किया था और एसएमएस के जरिये अफसोस जाहिर किया था लेकिन आजतक उसका कोई जवाब नहीं आया. राजनीति में सब जायज है. विदित हो कि निगम चुनाव के प्रचार के दौरान एक प्रेस-वार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अहलूवालिया ने कहा था कि राजनीति में दलबल चलता रहता है कुछ लोगों के भाजपा छोड़ देने से पार्टी कमजोर नहीं हो जाती. तृणमूल में ऐसे लोग गये हैं जिससे पार्टी को कोई फरक नहीं पड़नेवाला. तृकां को यह नहीं मालूम की उसके बड़े-बड़े नेता व कार्यकर्ता भाजपा की टिकट के लिए उनसे लगातार संपर्क में हैं. अहलूवालिया ने उदाहरण पेश करते हुए तृकां के वरिष्ठ नेता नांटु पाल का नाम लिया था.