त्रिपक्षीय वार्ता से पहाड़ की समस्या का हल निकालने की जरूरत : बघेल

सिलीगुड़ी: पहाड़ पर अलग गोरखालैंड को लेकर पिछले एक माह से आग सुलग रहा है. राज्य सरकार अपनी दमनकारी नीति से इस दबा नहीं सकती. स्वतंत्र भारत में यह फमरूला काम नहीं आयेगा. राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सर्वदलीय बैठक बुलाये, या फिर त्रिपक्षीय वार्ता से इसका हल निकाले. बिना संवाद के मामला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2013 9:15 AM

सिलीगुड़ी: पहाड़ पर अलग गोरखालैंड को लेकर पिछले एक माह से आग सुलग रहा है. राज्य सरकार अपनी दमनकारी नीति से इस दबा नहीं सकती. स्वतंत्र भारत में यह फमरूला काम नहीं आयेगा. राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सर्वदलीय बैठक बुलाये, या फिर त्रिपक्षीय वार्ता से इसका हल निकाले. बिना संवाद के मामला दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जाएगा. यह कहना है अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव जीतेंद्र बघेल का.

वें शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर राज्य अध्यक्ष शौमिक हुसैन, दार्जिलिंग जिला संसदीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत राय चौधरी, सिलीगुड़ी विधान सभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कन्हैया पाठक, उपाध्यक्ष पंकज साहा फांसीदेवा विधान सभा क्षेत्र के अध्यक्ष कंचन देवनाथ सहित विभिन्न सदस्य उपस्थित थे.राष्ट्रीय महासचिव जीतेंद्र बघेल से पूछे जाने पर कि कांग्रेस के छात्र, नेता व बड़ी संख्या में समर्थक तृणमूल में शामिल हो रहे है. इसे लेकर पार्टी क्या सोचती है? सवाल का जवाब देते हुये उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है.

वह समुद्र है, उसमें से एक लोटा कोई पानी निकाल लेने से समुद्र छोटा नहीं होगा. कांग्रेस छोड़कर ममता बनर्जी गयी, मोरारजी देसाई गये, इंद्रकुमार गुजरात सहित सैकड़ों नेता निकल गये, लेकिन यह पार्टी कमजोर नहीं हुई. उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के बाद मैंने पूरे बंगाल का दौरा किया. युवाओं को जिम्मेदारियां और संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उन्होंने माटीगाढ़ा, सिलीगुड़ी व फांसीदेवा में जाकर युवा नेताओं से मुलाकत करके उनकी समस्याओं को सुना.

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