माकपा के वरिष्ठ नेता केवी वातर का आरोप

गोरखालैंड के लिए मुख्यमंत्री के रूप में सोचें ममता बनर्जी दाजिर्लिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा सांप्रदायिक भावनाओं से ओत–प्रोत हैं. यह आरोप माकपा के वरिष्ठ नेता केवी वातर ने लगाया है. संवाददाताओं से बातचीत में माकपा नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री दार्जिलिंग के प्रति वाकई ईमानदार होतीं, तो गोरखालैंड समस्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2013 1:02 AM

गोरखालैंड के लिए मुख्यमंत्री के रूप में सोचें ममता बनर्जी

दाजिर्लिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा सांप्रदायिक भावनाओं से ओतप्रोत हैं. यह आरोप माकपा के वरिष्ठ नेता केवी वातर ने लगाया है.

संवाददाताओं से बातचीत में माकपा नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री दार्जिलिंग के प्रति वाकई ईमानदार होतीं, तो गोरखालैंड समस्या के समाधान की कोशिश करतीं. लेकिन वह सीआरपीएफ और पुलिस बल के साथ मिलकर जीटीए सभासदों गोरखालैंड समर्थकों को गिरफ्तार करवा रही हैं. यह गलत बात है. केवी वातर ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य की अभिभावक हैं.

दार्जिलिंग की जनताओं की समस्याओं को सुनना उनकी जिम्मेदारी है. लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं कर लोकतंत्र का गला घोंट रही है. गणतंत्र में सभी को अपनी मांग समस्या रखने का अधिकार है. ममता बनर्जी को एक बांग्लाभाषी की नजरों से नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के रूप में दार्जिलिंग की समस्याओं पर गौर करना चाहिए.

माकपा नेता ने कहा कि सबसे पहले तो गिरफ्तार किये गये मोरचा समर्थकों को रिहाई करना होगा. तभी जाकर समस्या का हल निकल सकता है. मुख्यमंत्री जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. उनके रफ एंड टफ जैसे शब्द के प्रयोग से समस्या नहीं सुलझेगी. माकपा नेता वातर ने कहा कि ममता बनर्जी जनता को बरगलाने में माहिर हैं. जीटीए गठन से पहले उन्होंने दार्जिलिंग को स्विट्जरलैंड बनाने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया. जीटीए को दिये जानेवाले विभागों को भी उन्होंने हस्तांतरित नहीं किया. मुख्यमंत्री ने लेप्चा समुदाय को जो वादे किये हैं, उनका 10 प्रतिशत भी पूरा होना मुश्किल है.

पहाड़ को अशांत कर रही सरकार : लामा

दूसरी ओर, गोरखालैंड आंदोलन को दबाने के लिए सरकारी नीतियों के बारे में जिक्र करते हुए क्रामाकपा के केंद्रीय महासचिव एलएम लामा ने कहा कि राज्य सरकार धर पकड़ अभियान चलाकर शांत पहाड़ को अशांत बनाने में तुली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का दाजिर्लिंग के प्रति रवैया अच्छा नहीं है.

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