सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी रेगुलेटेड कमेटी आटा चक्की मिल द्वारा लगाये गये उत्पाद आटा, सूजी, मैदा, चोकर आदि अन्य सामग्री पर लेवी लगाकर मिल मालिकों को परेशान कर रही है. और हवाला दे रही है कि यह कृषि उत्पाद है.
जबकि नॉर्थ बंगाल मिल एसोसिएशन के सचिव सीताराम डालमिया का कहना है कि यह कृषि उत्पाद नहीं है. कारण बाजार से आकर यह मशीन से तैयार किया जाता है. इसका रूप भी बदल जाता है. सचिव ने रेगुलेटेड मार्केट कमेटी पर नौ सितंबर को कोर्ट केस किया है. मामला अभी लंबित है.
अधिवक्ता नरेश टीबड़ेवाल ने बताया कि रेगुलेटेड मार्केट कमेटी अवैध लेवी की मांग कर रही है. वह कृषि उत्पादन के बारे में ठीक ढंग से जानना चाहिए. हमें आशा है कि इस लड़ाई में हमें न्याय मिलेगी. सचिव ने बताया कि कृषि उत्पाद से तात्पर्य है कि जो मजदूर अपनी भूमि पर मेहनत करके जो उत्पाद तैयार करते है और उसे बाजार में बेचते है, उसे कृषि उत्पाद कहते है. वहीं दूसरी ओर आटा, मैदा, सूजी व चोकर मशीन के द्वारा तैयार होता है. इसलिए यह कृषि उत्पाद नहीं है.