सिलीगुड़ी: लोकसभा में अक्सर लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को मुधर वाणी में सुनते हुये लोगों ने टीवी पर देखा है. वें बड़े प्यार से बोलती है-‘बैइ जाईये! बैठ जाईये’. लेकिन कोई बैठते नहीं. हल्ला होता रहता है.
कभी-कभी वह बचकाने से हरकत करने वाले सांसद पर काबू भी पा जाती है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम में उपमेयर सविता देवी अग्रवाल ‘बैठ जाइये- बैठ जाइये’ की अपील करती रही. लेकिन तृणमूल पाषर्द दोपहर एक बजकर पांच मिनट से लेकर पौने चार बजे तक हंगामा करते रहे. तीन घंटे के इस बोर्ड बैठक में यही सुनने को मिला-डेंगू मेयर पदत्याग करो!, वाम-कांग्रेस, भाई-भाई, सपन चंदा चोर है! संख्या से कम बोर्ड, गद्दी छोड़ो’..’ इस हंगामें में यदि कोई दल सबसे अधिक खुश दिख रहा था, तो वह केवल मात्र वामफ्रंट. कारण जोट के झगड़े में वाम को ही फायदा है. भले ही वह विरोध की भूमिका में हो, लेकिन इस चार साल में कमाई के मामले में तृणमूल का फायदा हो, लेकिन जनता में ‘गुडविल’ कमाने में वाम तीनों से आगे है.
यह बैठक असंवैधानिक है : तृणमूल पार्षद कृष्णचंद्र पाल ने कहा कि आज की बैठक पूरी तरह असंवैधानिक है. पिछले छह माह से बैठक में शामिल न होने के कारण मेयर और उपमेयर नगर -नियम में नियम कानून भूल गयी है. उन्हें पश्चिम बंगाल नगर निगम अधिनियम को फिर से पढ़ने की जरूरत है, जिसमें स्थगित बैठक के बाद कोई नया बैठक नहीं बुलाया जा सकता.
अभद्रता की पराकाष्ठा पर पहुंच गये हैं तृणमूल पार्षद : उपमेयर सविता देवी अग्रवाल ने बताया कि तृणमूल पार्षद अभद्रता की पराकाष्ठा पर पहुंच गये है. हमारा केवल एक स्टैंड था कि नांटू पाल की अध्यक्षता में बैठक में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने इस्तीफा दिया, हमने बैठक बुलाया. नगर निगम में समस्याओं का अंबार है. लेकिन तृणमूल को बाधा देने के सिवा कुछ नहीं आता.राज्य नगर निगम विभाग द्वारा भेजे गये निर्देश में कहीं नहीं लिखा की कोई बैठक नहीं बुलाया जा सकता.