आसनसोल : ‘टॉम–जेरी’, ‘छोटा भीम’, ‘डोरेमॉन’ जैसे काटरून पात्र बच्चों को भले ही गुदगुदाते हों, लेकिन अब इन्हीं की मदद से खान हादसों को कम करने के लिए चलनेवाले जागरुकता अभियान चलाने की पहल शुरू हो रही है. कोल इंडिया प्रबंधन ने इस संबंध में फैसला किया है.
देश की नामचीन प्रोडक्शन कंपनी को काटरून फिल्में तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है. कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
बड़े हादसे दर्शाये जायेंगे : सेफ्टी से जुड़े महाप्रबंधक इसे बेहद कारगर उपाय के तौर पर देखते हैं. उनका कहना है कि काटरून के जरिये किसी भी गंभीर विषय को आसानी से श्रमिकों तक पहुंचाया जा सकता है. कोल इंडिया की सभी इकाइयों में इन काटरून फिल्मों को दिखाया जायेगा.
यह भी बताया जायेगा कि जिन गलतियोंकी वजह से ये हादसे हुए हैं, उन्हें भविष्य में दुहराया न जाये. कोल सेफ्टी बोर्ड भी इससे सहमत है.
सुरक्षा अभियान का हिस्सा : यह खान सुरक्षा से जुड़े अभियान का एक हिस्सा है. अभी नुक्कड़ नाटक, स्लाइड शो व फिल्मों के जरिये सुरक्षा के महत्व को बताया जा रहा है. ये अब भी रहेंगी लेकिन काटरून एक अलग तरह का माध्यम होगा. इसके जरिये आसानी से सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाया जा सकेगा. खान हादसों पर काला पत्थर, कालका जैसी कुछ गिनी–चुनी फिल्में भी बनी हैं.
बड़ी दुर्घटनाओं पर भी फोकस : काटरून के जरिये इसीएल की महावीर कोलियरी, न्यू केंदा कोलियरी, बीसीसीएल की गजलीटांड, बागडीगी व चासनाला जैसे खान हादसों पर भी फोकस किया जायेगा. ताकि श्रमिक यह जान पायें कि खदान में जल प्लावन व फायर से होने वाले हादसे कितने भयावह हैं. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस तरह के प्रयास से सुरक्षा को बेहतर करने में मदद मिलेगी.