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लॉ क्लर्क अपहरण मामला, चार दिनों बाद भी सुराग ढ़ूंढ़ने में पुलिस नाकाम

मालदा: मालदा अदालत के एक लॉ क्लर्क का अपहरण व 10 लाख रुपये फिरौती मांगने की घटना से हड़कंप मचा हुआ है. उल्लेखनीय है कि बीते 25 जून को लॉ क्लर्क जाकिर हुसैन (29) का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण के दिन से आज तक कई बार फिरौती के लिए अपहरणकर्ताओं का फोन आ […]

मालदा: मालदा अदालत के एक लॉ क्लर्क का अपहरण व 10 लाख रुपये फिरौती मांगने की घटना से हड़कंप मचा हुआ है. उल्लेखनीय है कि बीते 25 जून को लॉ क्लर्क जाकिर हुसैन (29) का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण के दिन से आज तक कई बार फिरौती के लिए अपहरणकर्ताओं का फोन आ चुका है.

अपहरण की घटना के अगले दिन यानी 26 जून व 28 जून को दो बार अपह्रत के पिता मफिजुद्दीन अहमद ने इंग्लिशबाजार थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अपह्रत लॉ क्लर्क का सुराग नहीं लगा पायी. पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. अपह्रत को बरामद करने की कोशिश की जा रही है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जाकिर हुसैन तीन सालों से मालदा अदालत में काम कर रहे हैं.

वह इंग्लिशबाजार थानांतर्गत जदुपुर एक नंबर ग्राम पंचायत के गांवगाछी का निवासी है. परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी व तीन साल की बच्ची है. 25 जून को काम से घर लौटने के क्रम में जदुपुर स्टैंड के निकट से उनका अपहरण हुआ था. एक सादे रंग के अंबेसेडर कार में उन्हें उठा ले जाया गया था. 26 जून दोपहर से अज्ञात नंबरों से जाकिर के पिता मफिजुद्दीन अहमद के पास फिरौती के लिए फोन आना शुरू हो गया. पहले फिरौती की रकम सात लाख मांगी गयी थी, लेकिन 27 जून के बाद से फिरौती की रकम बढ़ा कर 10 लाख कर दी गयी है.

मफिजुद्दीन अहमद ने बताया कि किसने उनके बेटे का अपहरण किया है, नहीं समझ में आ रहा है. उन्होंने बताया कि इलाके में कोई दुश्मन भी नहीं है. अपहर्ताओं ने धमकी दी है कि अगर 10 लाख रुपये नहीं दी गयी तो वे जाकिर को मार डालेगा. 28 जून को आखिरीबार अपहर्ताओं का फोन आया था. उन्होंने पुलिस को इस बारे में जानकारी दी है. पुलिस कुछ कर नहीं पा रही है.
उन्होंने बताया कि इतनी मोटी रकम जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है. पश्चिम बंगाल लॉ क्लर्क एसोसिएशन के मालदा शाखा के सचिव मोहम्मद सेलिम ने बताया कि जाकिर हुसैन के अपहरण की घटना के बाद सभी क्लर्क अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. पुलिस-प्रशासन से जाकिर हुसैन की बरामदगी व अपहर्ताओं की धर पकड़ के लिए अनुरोध किया जा रहा है.

इंग्लिशबाजार थाने के आइसी दिलीप कर्मकार ने बताया कि जाकिर हुसैन लॉ क्लर्क होने के साथ ही अपना परिवार नामक एक चिटफंड संस्था का एजेंट भी था. इस अपहरण के घटना के पीछे लेनदेन का कोई कारण हो सकता है.

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