बोरो कमेटी व कार्यालय केवल नाम का

सिलीगुड़ी: लंबे समय से बोर्ड बैठक न होने के कारण विरोधियों को भड़ास और समस्याओं के गोले से मेयर को दो-चार होना पड़ा. सोमवार को दोपहर एक से साढ़े तीन बजे तक की इस बैठक में तृणमूल शामिल नहीं हुई. वाम ने बोर्ड चलाने में आज सहायता की. लेकिन सवालों के तीर से कांग्रेस के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2013 9:48 AM

सिलीगुड़ी: लंबे समय से बोर्ड बैठक न होने के कारण विरोधियों को भड़ास और समस्याओं के गोले से मेयर को दो-चार होना पड़ा. सोमवार को दोपहर एक से साढ़े तीन बजे तक की इस बैठक में तृणमूल शामिल नहीं हुई. वाम ने बोर्ड चलाने में आज सहायता की. लेकिन सवालों के तीर से कांग्रेस के मेयर, एमआईसी व पाषर्दो को लहुलहुआन कर दिया. नरूल इस्लाम, दिलीप सिंह, शालिनी डालमिया, रागिनी सिंह, दीपायन राय सभी वाम पार्षदों ने अपने इलाके की समस्या का जिम्मेदार सीधे-सीधे इस बोर्ड को बताया.

वार्ड 26 के दीपायन राय ने सवाल उठाया कि बोरो कमेटी व कार्यालय का गठन का उद्देश्य था कि वार्ड पार्षदों को सहायता हो. इमरजेंसी में इस कार्यालय से मदद मिले. छोटी-छोटी समस्या के लिए नगर निगम न आना पड़े. प्रत्येक माह बोरो कमेटी की बैठक होनी चाहिए लेकिन न उसमें मेयर उपस्थित रहती है, न एमआईसी न ही कमीश्नर पीडी प्रधान. मुझे बिल्चिंग पावडर के लिए 50 बार एमआईसी स्वप्न चंदो को फोन करना पड़ा. लेकिन आज तक हमारी जरूरतों को नहीं सुना गया. ‘डेंगू जागरूकता पर्चा’ के विषय में मेयर कहती है घर-घर यह पर्चा भेजा गया. लेकिन यह शहरवासी ही जानते है कि किस-किस के घर में यह पर्चा गया. विरोधी दल के नेता नरूल इस्लाम ने कहा कि इस बजट में बोरो कमेटी के लिए बजट ही नहीं बना. एक नं. बोरो कमेटी के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. उन्होंने बताया कि अवैध भवनों को पास का प्रस्ताव इस बैठक में रखा गया. और नियम कोलकाता नगर निगम के. हमें राज्य सरकार नगर निगम अधिनियम का पालन करना है न कि कोलकाता नगर निगम ने किस तरह ब्लिडिंग पास किया यह जानना है.

वार्ड 41 में निर्माणाधीन अमर्त्य कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड एंड अदर्स जो सेवक रोड स्थित लायंस तराई आई होस्पिटल के पास नरेश पेरिवाल बना रहे है. उस ब्लिडिंग के अनुमोदन के लिए सवाल उठाया गया. जबकि नरेश पेरिवाल ने नगर निगम के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर किया है. अभी तक कोई निर्णय नहीं आया. 87 कट्ठा में एक पी प्लस पांच मंजिला भवन का निर्माण होना है. विरोधी दल ने सवाल उठाया कि मामला जब अदालत में लंबित है फिर क्यों इसे आज अनुमोदन के लिए रखा गया. इसके साथ ही कई बड़े-बड़े भवनों के लिए सवाल उठाया. इस बीच पूर्व एमआईसी ब्लिडिंग सीमा साह मंद-मंद मुस्कुरा रही थी. कारण अवैध भवन को लेकर बोर्ड बैठक को लेकर हुये प्रेस-वार्ता के बाद उन्हें हटा दिया गया था. सीमा साह ने सीधे इसका जिम्मेदार मंत्री गौतम देव, मेयर और कमीश्नर को ठहराया था.

वार्ड 43 की रागिनी सिंह ने कहा कि उनके वार्ड में नगर निगम का पानी समय पर नहीं आता. कईयों के घर आता नहीं. लोग रोजाना शिकायत लेकर आते है. शालिनी डालमिया,प्रीतकना विश्वास ने भी कहा कि पहले की तरह पानी नहीं आता. इसकी रफ्तार कम है.

वार्ड आठ की शालिनी डालमिया ने कहा कि पूजा करीब है. यह एक व्यवसायिक इलाका है. लेकिन कचड़ा प्रबंधन के लिए जितना संसाधन, गाड़ी चाहिए, वह इस वार्ड को मुहैया नहीं की जाती. पूजा से पहले सभी वार्ड के सड़क दुरूस्त होने चाहिए थे, लेकिन इसके प्रति बोर्ड उदासीन है.

वार्ड 42 के दिलीप सिंह ने कहा कि मेयर को सभी वार्ड का ध्यान रखना चाहिए. राजनीति ठीक है, लेकिन जीवन खोकर नहीं. डेंगू की आशंका के विषय में हमने बोर्ड को दो माह पहले सूचित किया. लेकिन कोई कार्रवायी नहीं हुई. वाम पार्षदों के साथ सौतेला व्यवहार होता है.

उपमेयर सह चेयरपर्सन के नेतृत्व में हुई इस बैठक में सभी विषयों पर आलोचना हुई. मेयर गंगोत्री दत्ता ने कहा कि जिन समस्याओं पर विरोधी को आपत्ति है, उस पर विचार किया जाएगा.

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