उत्तर बंगाल में मॉनसूनी बारिश की मात्र में गिरावट

इस बार उत्तर बंगाल में बेमौसम भारी बरसात होने के बावजूद मॉनसून के दौरान बारिश कम हुई. उत्तर बंगाल में इस साल मॉनसूनी बारिश की मात्र में काफी गिरावट आयी है. जून से सितंबर तक वर्षाकाल होता है. जुलाई महीना को भारी बरसात का महीना कहा जाता है, लेकिन इस बार जुलाई में बारिश जरूरत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2015 8:24 AM
इस बार उत्तर बंगाल में बेमौसम भारी बरसात होने के बावजूद मॉनसून के दौरान बारिश कम हुई. उत्तर बंगाल में इस साल मॉनसूनी बारिश की मात्र में काफी गिरावट आयी है. जून से सितंबर तक वर्षाकाल होता है.
जुलाई महीना को भारी बरसात का महीना कहा जाता है, लेकिन इस बार जुलाई में बारिश जरूरत से काफी कम हुयी है.इसने उत्तर बंगाल बाढ़ नियंत्रण आयोग के इंजीनियरों को भी चकरा दिया है. बाढ़ नियंत्रण आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2013 में सिर्फ जलपाईगुड़ी जिले में (अलीपुरद्वार समेत) 1131 मिमी बारिश हुई थी. 2014 में जुलाई महीने में जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिले में मात्र 462 मिमी बारिश हुई थी, लेकिन इस साल जुलाई महीने में बारिश की मात्र कम होकर मात्र 415 मिमी हो गयी. पिछले छह सालों में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा कम बारिश इस साल हुई है.
जबकि बेमौसम बारिश खूब हुर्ह है. वर्ष 2010 में जलपाईगुड़ी व अलीपुरद्वार जिले में कुल 3585 मिमी बारिश हुई है. वर्ष 2011 में 3047 मिमी, 2012 में 2954 मिमी, 2013 में 3487 मिमी, 2014 में 3126 मिमी बारिश हुई है. इस साल औसतन 3500 मिमी बारिश में से आधे से ज्यादा बारिश वर्षा के मौसमों में हुई है. जबकि पिछले वर्ष वार्षिक औसतन बारिश आधे से ज्यादा जून से जुलाई व अगस्त के बीच में हुई थी.
इस साल जनवरी से जुलाई तक इन दोनों जिले में वार्षिक असौतन कुल बारिश के आधे से भी कम 1129 मिमी बारिश हुई है. तीस्ता नदी में पानी नहीं रहने के कारण श्रद्धालुओं के नदी में स्नान करने के लिए तीस्ता बैरेज से कुछेक क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया है. बारिश नहीं होने के कारण सिंचाई के लिए बैरेज से पानी छोड़ा गया है.
बारिश नहीं होने के कारण नदियों का जलस्तर भी कम होना शुरू हो गया है. पहाड़ में बारिश नहीं होने पर तीस्ता नदी में भी जल बढ़ने की संभावना कम है. इंजीनियरों का कहना है कि बैराज में पर्याप्त पानी नहीं रहने पर सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति करना भी मुश्किल हो जायेगा. अगस्त महीने में पर्याप्त बारिश होने पर जल संकट की समस्या दूर हो जायेगी.

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