सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी साझा संस्कृति का केंद्र है. यहां कई संस्कृति एक स्थल पर मिलती है. यहां दुर्गात्सव, दशहरा और दसई तीनों मनाया जाता है. एक ओर शहर दुर्गोत्सव में डूबा था तो दूसरी ओर खालपाड़ा सार्वजनीन दुर्गापूजा कमेटी की ओर से ‘विजय सम्मेलनी’ का आयोजन किया. हिंदी, बंग्ला, नेपाली भक्ति गीतों की गंगा यहां बहायी गयी.
वहीं गोरखा समुदाय द्वारा सप्तमी के दिन भव्य फूलपाती शोभा-यात्रा निकाला गया. नगाढ़ा, ढोल के साथ पारंपरिक परिधान में महिलायें व पुरूष ने बढ़-चढ़कर इसमें भाग लिया.
गुरूंग नगर भानुभक्त समिति की ओर से यह शोभा यात्रा निकाली गयी. लोगों का उत्साह देखने लायक था. इसके साथ ही दसमी के दिन नेपाली समुदाय ने दसई मनाया. इसमें घर के बड़े, छोटों को टीका लगाकर आशीर्वाद और उपहार देते है. इसके बाद भइलिनी और दउंसो की तैयारी भी शुरू हो गयी है.