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मारवाड़ी समाज की प्रगति सं‍घर्ष का इतिहास

कोलकाता. मारवाड़ी समाज के प्रगति एक संघर्ष का इतिहास रहा है. मारवाड़ी समाज के बारे में जो भी विदेशी लोग शोध करने आते हैं, वो कई तरह की शंकाएं और प्रश्न उठाते हैं. वो पूछते हैं कि क्या कारण थे कि मारवाड़ी समाज से इनती बड़ी प्रगति की. दो सौ साल से भारत की सिविल […]

कोलकाता. मारवाड़ी समाज के प्रगति एक संघर्ष का इतिहास रहा है. मारवाड़ी समाज के बारे में जो भी विदेशी लोग शोध करने आते हैं, वो कई तरह की शंकाएं और प्रश्न उठाते हैं. वो पूछते हैं कि क्या कारण थे कि मारवाड़ी समाज से इनती बड़ी प्रगति की. दो सौ साल से भारत की सिविल सप्लाई लाइन को जिंदा रखा, उसमें उस कम्युनिटी का गहरा अध्ययन किया जाना चाहिए.

ये बातें राजस्थानी प्रचारिणी सभा की ओर से ‘बांता जो इतिहास इतिहास है’ पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते रतन शाह ने कहीं. गोष्ठी को संबोधित करते हुए सरदारमल कांकरिया ने जैन विद्यालय और जैन हॉस्पिटल की शुरुआत जिस तरह से की गयी थी, उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी. उद्योगपति पवन कुमार कानोड़िया ने बताया कि उद्योग क्षेत्र में विशेष कर जूट व चाय में सबसे पहले मारवाड़ी समाज ने प्रवेश किया था. आज तो केवल उद्योग ही नहीं,शिक्षा व प्रशासन में भी मारवाड़ी समाज की पहचान है. मुंबई में खेतान एंड कंपनी ने अपनी अलग पहचान बनायी है. उद्योगपति वश समाजसेवी रवि पोद्दार ने अपने बहुत ही सारगर्भित वक्तव्य में बताया कि किस तरह से समाज एक दूसरे के साथ रहता था. संयुक्त परिवार की प्रणाली थी. काम करने वाले लोगों के साथ घर के सदस्य जैसा व्यवहार किया जाता था. अब जो व्यक्तिवाद बढ़ रहा है यह एक तरह से अवरोह की तरफ जाना है.

पुष्पा कोठारी ने शहर वालों के ऊपर पेपर पढ़ा. उन्होंने बताया कि कोलकाता जब गांव की तरह था, उस समय भी वहां मुर्शिदाबाद और अजीमगंज में मारवाड़ी, ओसवाल और जैन समाज के लोग रहे थे. उन्होंने अपने रहन-सहन, खान-पान की सबकी एक मिश्रित संस्कृति वहां स्थापित की. इनके साथ शिक्षा और न्याय क्षेत्र में भी इस समाज के लोगों ने शीर्षत्व उपलब्धियां प्राप्त की. समाजसेवी पुष्करलाल केडिया ने विशुद्धानंद अस्पताल व नागरिक स्वाथ्य संघ के कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि किस तरह से मारवाड़ी समाज ने स्वास्ध्य व शिक्षा संबंधित सेवाओं में योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि मारवाड़ी जहां भी जाते हैं, वहां के हो जाते हैं.

मारवाड़ी के व्यक्तित्व में ऐसा आकर्षण होता है कि वह सबको अपना बना लेता है. सभा के उपाध्यक्ष प्रह्लाद राय गोयनका ने मारवाड़ी समाज में गद्दी की संस्कृति की विस्तार से चर्चा करते हुए हा कि इस तरह की गोष्ठियों से समाज का गौरव पक्ष लोगों के सामने आ सकेगा. सुप्रसिद्ध लेखक राजेंद्र केडिया ने मारवाड़ी समाज द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में की गयी उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि नवयुवकों उन उपलब्धियों के संबंध में अवगत कराने की जरूरत है. स्वागत भाषण सभा के सचिव महेश लोढ़ा ने दिया था. इस अवसर पर काशीप्रसाद खेड़िया, नंदलाल शाह, विश्वनाथ चांडक, ईश्वरीप्रसाद टांटिया, बालकृष्ण खेतान, अजय अग्रवाल सहित समाज के काफी लोग उपस्थित थे.

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