त्रिलोक के इस्तीफे से तृणमूल गदगद

सिलीगुड़ी. हर्क बहादुर छेत्री के बाद अब दार्जिलिंग के विधायक त्रिलोक देवान के भी पार्टी छोड़ देने से एक ओर जहां गोजमुमो शिविर में खलबली मची हुई है, वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस खेमा गोजमुमो में मचे इस घमासान को लेकर काफी उत्साहित है. त्रिलोक देवान ने आज ही कोलकाता में गोजमुमो को अलविदा कह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2015 8:08 AM
सिलीगुड़ी. हर्क बहादुर छेत्री के बाद अब दार्जिलिंग के विधायक त्रिलोक देवान के भी पार्टी छोड़ देने से एक ओर जहां गोजमुमो शिविर में खलबली मची हुई है, वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस खेमा गोजमुमो में मचे इस घमासान को लेकर काफी उत्साहित है. त्रिलोक देवान ने आज ही कोलकाता में गोजमुमो को अलविदा कह दिया है.
दो विधायकों के गोजमुमो छोड़ देने के बाद तृणमूल सुप्रीमो तथा राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रणनीति पहाड़ पर कामयाब होती नजर आ रही है. गोजमुमो ने जब से भाजपा का दामन थामा, तभी से ममता बनर्जी बिमल गुरुंग को उनके घर में ही घेरने की तैयारी कर ली थी.
इसके लिए उन्होंने बहुत ही कारगर रणनीति बनायी. सबसे पहले उन्होंने दार्जिलिंग में गोरखाओं की विभिन्न जातियों को बांटने का काम किया. पहाड़ पर मुख्यमंत्री ने लेप्चा, तामांग के साथ-साथ मंगर बोर्ड का गठन कर दिया है. यह सभी विकास बोर्ड हैं और कहा जा रहा है कि पहाड़ की इन जनजातियों के विकास के लिए यह बोर्ड काम करेगी. ममता ने जब से यह रणनीति अपनायी तभी से गोजमुमो में खलबली थी. गोजमुमो ने ममता बनर्जी पर जाति को बांटने का आरोप लगाया था. गोजमुमो सुप्रीमो बिमल गुरुंग स्वयं इस बात को लेकर काफी चिढ़े हुए हैं.
उनके तमाम प्रयासों के बावजूद गोजमुमो में बगावत की एक बार जो शुरूआत हुई है, उसके थमने के आसार नहीं हैं. अपने दो विधायकों के पार्टी छोड़ देने के बाद से बिमल गुरुंग की ताकत कम हुई है. दूसरी तरफ गोजमुमो में मचे से तूफान को लेकर तृणमूल खेमा काफी उत्साहित है. हालांकि तृणमूल के सभी नेता इसे गोजमुमो का आंतरिक मामला करार दे रहे हैं.
इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव का कहना है कि यह गोजमुमो का आंतरिक मामला है और इसको लेकर वह कुछ भी नहीं कहना चाहते. हालांकि वह गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग पर जमकर बरसे और उन्हें तानाशाह करार दिया. श्री देव ने कहा कि गोजमुमो के जिन दो विधायकों ने पार्टी छोड़ी है, उनका पहाड़ पर काफी सम्मान है. वह लोग पहाड़ की संपत्ति हैं. यह नेता गोजमुमो में अपमानित हो रहे थे.
उन्होंने बिमल गुरूंग के अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू करने के निर्णय की भी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में गोरखालैंड की मांग बेमानी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहाड़ के विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं. यही वजह है कि वह बार-बार दार्जिलिंग आ रही हैं. पहाड़ के विकास के लिए अलग से जीटीए का गठन किया गया है और बिमल गुरुंग इसके चीफ हैं. जीटीए तथा बिमल गुरुंग द्वारा राज्य सरकार की अनदेखी की जा रही है.
वगैर राज्य सरकार के सहयोग के पहाड़ पर विकास संभव नहीं है. यह बातें बिमल गुरुंग तथा गोजमुमो को समझनी चाहिए. श्री देव ने आगे कहा कि जीटीए द्वारा विकास करने पर तृणमूल कांग्रेस तथा राज्य सरकार सहयोग करेगी. लेकिन यदि पहाड़़ पर किसी प्रकार की जनविरोधी नीति अपनायी गयी, तो इसका विरोध किया जायेगा.
क्या कहते हैं रोशन गिरि
इधर इसी संदर्भ में मोर्चा के केंद्रीय महासचिव रोशन गिरि से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि त्रिलोक कुमार देवान के पार्टी से इस्तीफा देने की खबर उन्होंने भी सुनी है.अभी तक हमारे पास उनके इस्तीफे की कॉपी नहीं आयी है.इस्तीफा आने के बाद इस पर विचार किया जायेगा.

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