बंगाल को बांटने के विरुद्ध रक्षाबंधन

सिलीगुड़ी: 16 अक्तूबर 1905 को बंग-भंग के विरोध में कविगुरू रवींद्रनाथ ठाकुर ने राखी बंधन शुरू किया था. वर्त्तमान में बंगाल भी गोरखालैंड, कामतापुरी, आदिवासी, ग्रेटर कूचबिहार आदि मांगों से आहत है. बंगाल में रहने वाले नेपाली, आदिवासी, हिंदीवासी, मारवाड़ी सब बंगाली है. यह कहना है बांग्ला व बांग्ला भाषा बचाओ कमेटी के अध्यक्ष मुकुंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 8:37 AM

सिलीगुड़ी: 16 अक्तूबर 1905 को बंग-भंग के विरोध में कविगुरू रवींद्रनाथ ठाकुर ने राखी बंधन शुरू किया था. वर्त्तमान में बंगाल भी गोरखालैंड, कामतापुरी, आदिवासी, ग्रेटर कूचबिहार आदि मांगों से आहत है.

बंगाल में रहने वाले नेपाली, आदिवासी, हिंदीवासी, मारवाड़ी सब बंगाली है. यह कहना है बांग्ला व बांग्ला भाषा बचाओ कमेटी के अध्यक्ष मुकुंद मजूमदार का. उन्होंने कहा कि हम बंगाल को बंटने नहीं देंगे. 16 अक्तूबर से लेकर 16 दिसंबर तक राखी बंधन का कार्यक्रम होगा. राखी बांधकर हम संकल्प लेंगे की अपने बंगाल को बंटने नहीं देंगे.

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