संकट: दुर्गापूजा से पहले फिर जूट मिल श्रमिकों पर गिरी गाज, गोंदलपाड़ा जूट मिल बंद

हुगली. चंदनगर थाना क्षेत्र की इकलौती गोंदलपाड़ा जूट मिल में सोमवार सुबह छह बजे से अस्थायी तालाबंदी कर दी गयी. इस तालाबंदी के बाद से यहां के पांच हज़ार मजदूरों में भारी हताशा है. मिल के सीइओ तन्मय बेरा की ओर से जारी नोटिस में इसे घाटे में चलनेवाली मिल बताया गया है और कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2015 8:13 AM
हुगली. चंदनगर थाना क्षेत्र की इकलौती गोंदलपाड़ा जूट मिल में सोमवार सुबह छह बजे से अस्थायी तालाबंदी कर दी गयी. इस तालाबंदी के बाद से यहां के पांच हज़ार मजदूरों में भारी हताशा है. मिल के सीइओ तन्मय बेरा की ओर से जारी नोटिस में इसे घाटे में चलनेवाली मिल बताया गया है और कहा गया कि 16 महीनों में से 12 महीनों में मिल में नुकसान हुआ है. इस हिसाब से देखा गया, तो छह साल में यहां लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

प्रबंधन की ओर से जारी अस्थायी तालाबंदी के नोटिस में मजदूरों व यूनियन के प्रतिनिधियों को यह अवगत कराया गया है कि प्रबंधन ने अपनी ओर से मिल को सुचारू रखने का हर प्रयास किया है, लेकिन मजदूरों ने मिल का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया. बाहरी असामाजिक तत्व के बहकावे में आकर विभिन्न विभागों में हड़ताल भी होती रही, इसका सीधा असर मिल के उत्पादन पर पड़ता रहा और मिल के उत्पादन में 30 फीसदी गिरावट देखा गया. पिछले समझौता पर भी अमल नहीं किया गया. नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि मिल के मजदूरों को बहका कर ग्रैच्युटी संबंधी 125 फेक मामले करवाये गये और मिल के एकाउंट को जब्त करने की कोशिश की गयी.

मिल के मजदूरों का आरोप है कि जब से इस मिल को संजय कजोरिया ने खरीदा है, तब से कई बार इस मिल में तालाबंदी की गयी. मिल को जानबूझ कर तालाबंदी कर नुकसान में पहुचाया गया. इससे पहले इस मिल ने पूरे बंगाल में सबसे शांत और अधिक उत्पादन के मामले में एक अलग पहचान कायम किया था. दुर्गापूजा आते ही मजदूरों की छुट्टियों का पैसा मारने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत मिल को बंद कर देने की प्रवृत्ति बढ़ी है. 2010 में दुर्गापूजा पर बंद किया गया था.
वेलिंग्टन जूट मिल की यार्न यूनिट बंद
रिसड़ा की वेलिंग्टन जूट मिल की यार्न बनानेवाली इकाई एआइ चांपदनी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड(100% यार्न) में सोमवार सुबह तालाबंदी कर दी गयी है. इससे मजदूरों में क्षोभ है. हलांकि प्रबंधन ने अपने नोटिस में इसे अस्थायी तालाबंदी कहा है और इस तालाबंदी के लिए मजदूरों की ओर से उग्र गतिरोध को जिम्मेवार ठहराया है. नोटिस मिल के उपाध्यक्ष गोपाल चौधरी ने जारी किया है. 26 सितंबर को लगभग आठ बजे से काम नहीं मिलने से परेशान एआइ चांपदनी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (100% यार्न विभाग) के गुस्साये श्रमिकों ने मिल में स्वीकृत सभी श्रमिक संगठनों की अगुआई में अनिश्चितकाल के लिए काम ठप कर दिया था. श्रमिकों ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि लगभग तीन महीने तक इस यूनिट के बंद रहने के बाद 29 अगस्त को एक समझौता के बाद यह इकाई खुली, तब प्रबंधन ने श्रमिकों को काम देने का आश्वाशन दिया था, लेकिन मिल खुलने के लगभग एक महीने बाद भी मिल में कार्यरत श्रमिक काम नहीं मिलने से परेशान हो गये.

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