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चाय बागान की महिलाएं एनीमिया की शिकार

जलपाईगुड़ी. डुवार्स के चाय बागानों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के हिमोग्लोबिन की मात्रा में काफी कमी आ जाती है. सरकारी अस्पतालों में जोखिम के बीच डॉक्टर ऐसी महिलाओं का प्रसव कराते हैं. ऐसी परिस्थिति में मां तथा बच्चे में एनीमिया की बीमारी देखी जाती है. आज बृहस्पतिवार को जलपाईगुड़ी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित […]

जलपाईगुड़ी. डुवार्स के चाय बागानों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के हिमोग्लोबिन की मात्रा में काफी कमी आ जाती है. सरकारी अस्पतालों में जोखिम के बीच डॉक्टर ऐसी महिलाओं का प्रसव कराते हैं. ऐसी परिस्थिति में मां तथा बच्चे में एनीमिया की बीमारी देखी जाती है. आज बृहस्पतिवार को जलपाईगुड़ी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित मासिक रक्तदान कैलेण्डर की सभा को संबोधित करते हुए जिले के सीएमओएच प्रकश मृधा ने ऐसी परिस्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है. श्री मृधा ने कहा कि चाय बागानों में गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अन्य रोगियों की जान रक्त की कमी से नहीं जाये, इसके लिए उन्होंने विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों से नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित करने की अपील की है.

इसी अपील के बाद जिले में नियमित रूप से रक्तदान शिविरों का आयोजन हो रहा है. नियमित रूप से रक्तदान शिविरों के आयोजन तथा इस शिविरों की जानकारी आम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए जिला ब्लड बैंक के द्वारा एक फेसबुक अकाउंट खोलने का निर्णय लिया गया है. श्री मृधा ने बताया कि इस फेसबुक अकाउंट में रक्तदान करने वाले रेयर ब्लड ग्रुप के रक्तदाताओं के नाम का उल्लेख रहेगा. यहां उल्लेखनीय है कि विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों द्वारा जलपाईगुड़ी अस्पताल के ब्लड बैंक पर रोगियों की सहायता नहीं करने का आरोप लगाया जाता है. इन स्वयंसेवी संगठनों का कहना है कि फोन करने के बाद भी ब्लड बैंक के कर्मचारी फोन नहीं उठाते. इसके अलावा कार्ड लेके आने के बाद भी रोगियों को रक्त की कमी बता कर वापस लौटा दिया जाता है. इसके अलावा रक्तदान के कैलेण्डर की जानकारी भी उपलब्ध नहीं करायी जाती.

इस मुद्दे पर डॉ मृधा ने कहा कि वह परिस्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने स्वयं कहा कि पैसे लेकर रक्त देने का मामला कई बार सामने आया है. उन्होंने इस तरह के गड़बड़ झाले को रोकने के कड़े निर्देश दिये हैं. उन्होंने आगे कहा कि पहले ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता था. यहां रक्तदान करने काफी कम रक्तदाता आते थे. दूसरी तरफ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आयोजित रक्तदान शिविरों की सफलता काफी अधिक होती है. इस बीच, स्वास्थ्य विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्वयंसेवी संगठनों द्वारा आयोजित रक्तदान शिविरों से सितंबर महीने में 55.76 प्रतिशत रक्त का संग्रह हुआ. इसीलिए स्वयंसेवी संगठनों द्वारा रक्तदान शिविरों के आयोजन पर जोर दिया जा रहा है. अक्टूबर महीने में कई रक्तदान शिविर आयोजित किये जायेंगे. जिले में प्रति महीने 15 सौ युनिट रक्त की आवश्यकता होती है. हरेक संगठन से कम से कम 50 युनिट रक्त संग्रह करने की अपील की गई है.

जलपाईगुड़ी ब्लड बैंक से सिर्फ जिले के लोगों को ही नहीं, बल्कि कूचबिहार, हल्दीबाड़ी तथा मेखलीगंज के लोगों को भी रक्त की आपूर्ति की जाती है. डॉ मृधा ने कहा कि एक गर्भवती महिला में न्यूनतम 11 मिलीग्राम हिमोग्लोबिन रहना जरूरी है. चाय बागानों की महिलाओं में यह मात्रा 5 से 7 मिलीग्राम है, जो सही नहीं है. अपुष्टि की वजह से चाय बागान की महिलाओं में हिमोग्लोबिन की कमी हो रही है. ऐसी महिलाओं में हिमोग्लोबिन की मात्रा अधिक हो, इसके लिए उन्हें पौष्टिक आहार दी जानी चाहिए. समारोह को संबोधित करते हुए मैनागुड़ी में रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाले झंटू राय ने स्वास्थ्य विभाग के इस पहल की सराहना की.

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