पदयात्रा से पहले विमल गुरूंग को झटका

सिलीगुड़ी. गोरखालैंड की मांग को लेकर कालिम्पोंग से दार्जिलिंग तक आयोजित पदयात्रा से पहले गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग को तगड़ा झटका लगा है. 30 तारीख को उन्होंने युवा मोरचा के जिस प्रियवर्द्धन राय को साथ में लेकर कालिम्पोंग में जनसभा की थी वही आज करीब 100 समर्थकों को लेकर पार्टी से अलग हो गये. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2015 2:22 AM
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड की मांग को लेकर कालिम्पोंग से दार्जिलिंग तक आयोजित पदयात्रा से पहले गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरूंग को तगड़ा झटका लगा है. 30 तारीख को उन्होंने युवा मोरचा के जिस प्रियवर्द्धन राय को साथ में लेकर कालिम्पोंग में जनसभा की थी वही आज करीब 100 समर्थकों को लेकर पार्टी से अलग हो गये. उन्होंने गोरखालैंड के बजाय कालिम्पोंग को अलग जिला बनाने की मांग को लेकर गोजमुमो के बागी विधायक डॉ हर्क बहादुर छेत्री का समर्थन किया है.

गोजमुमो छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि दार्जिलिंग तथा कालिम्पोंग की भौगोलिक स्थिति बिल्कुल अलग है. ऐसी परिस्थिति में वे लोग अलग जिला बनाने की मांग का समर्थन करते हैं. इस झटके के बाद भी विमल गुरूंग ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर कालिम्पोंग से लेकर दार्जिलिंग तक अपनी पदयात्रा शुरू कर दी. भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर उन्होंने आज कालिम्पोंग से तीस्ता बाजार तक की पदयात्रा की. पदयात्रा शुरू करने से पहले संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार से अलग राज्य की मांग करते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जमकर आलोचना की. उन्होंने फिर से ममता बनर्जी तथा राज्य सरकार पर जीटीए के कामकाज में हस्तक्षेप का आरोप लगाया.

विमल गुरूंग की यह पदयात्रा 7 अक्तूबर को दार्जिलिंग में समाप्त होगी. 7 अक्तूबर को ही गोजमुमो का स्थापना दिवस भी है. 30 तारीख को कालिम्पोंग में आयोजित जनसभा के दौरान विमल गुरूंग ने जनसभा के दौरान इस पदयात्रा की घोषणा की थी. गोजमुमो नेताओं का कहना है कि पदयात्रा के सात तारीख को दार्जिलिंग पहुंचने के बाद वहां विमल गुरूंग वहां जनसभा को संबोधित करेंगे. उसी जनसभा में वह गोरखालैंड आंदोलन की आगे की रणनीतियों का एलान करेंगे और उसके बाद कार्सियांग तक की पदयात्रा करेंगे.

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