सिलीगुड़ी: माटीगाढ़ा स्थित निजी नर्सिग में हुए यौन शोषण की घटना के बाद अब अदालती कार्रवाई शुरू हो गयी है. आरोपी डॉ सूजन प्रधान के वकील अरूप घोष ने जमानत के लिए अरजी दी, लेकिन एसजीएम कोर्ट में उनकी अरजी अस्वीकार कर दी.
वह बुधवार को भी अरजी देंगे. आरोपी पर आइपीसी धारा 354 ए यानी यौन शोषण या ईल हरकत का आरोप लगाया है.
इस यदि कोर्ट में यह आरोप साबित होता है, तो डॉ सूजन प्रधान न्यूनतम एक साल और अधिकतम तीन साल के लिए जेल की हवा खा सकता है. आरोपी पक्ष के वकील अरूण घोष ने बताया कि युवती को गलतफहमी हो गयी है. इंजेक्शन देने के लिए उसका नब्ज नहीं मिल रहा था, इसलिए उसे कमर में इंजेक्शन देना पड़ा. महिला परिसेविका वहां थी. दूसरी ओर सौम्या(काल्पनिक नाम) ने बताया कि इस ईल हरकत के समय मैं होश में थी. और मैं ग्रेजुयेट हूं. गलत और सही का अंतर मुझे पता है.
घटना के आधे घंटे के बाद महिला परिसेविका आयी. मैंने सबको अपनी आप बीती बतायी. रविवार की सुबह ही सबसे पहले डॉ भूटिया को यह बात बतायी. लड़की के पिता ने बताया कि लड़की को स्लाइन देने के लिए नब्जा मिल गया, लेकिन इंजेक्शन के समय उसे नब्ज नहीं मिला. हम सुबह चार बजे तक नर्सिग होम में थे. बाद में हमें हटा दिया गया. मेरी बेटी मानसिक रूप से ठीक है और हम पूरा परिवार उसके साथ हैं. इस डॉक्टर को सजा दिलाकर ही दम लेंगे.