सिलीगुड़ी : प्रशिक्षण शिविर छात्रों और शिक्षकों के साथ प्राचार्यो के लिए भी होना जरूरी होता है. कारण वह विद्यालय का ऐसा व्यक्ति है, जिससे नियम और गतिविधियों का ठीक ढंग से क्रियांवयन हो पाता है. स्कूलों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक गतिविधयों का प्रयोग होना चाहिए.
साथ ही वह छात्र, उसके व्यक्तित्व व कैरियर के लिए कितना प्रभावी होता है, इसका भी मूल्यांकन जरूरी है. यह कहना है नॉर्थ बंगाल सहोदया स्कूल कांपलेक्स के अध्यक्ष डॉ एसएस अग्रवाल का.
गौरतलब है कि प्राचार्यो में क्षमता विकास के उद्देश्य से पहली बार प्राचार्यो के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. यह शिविर जीडी गोयनका स्कूल में आयोजित की गयी है. शिविर का विषय है –’प्रभावी स्कूल प्रबंधन और नेतृत्व क्षमता’.
शिविर के दूसरे दिन सतत व समग्र मूल्यांकन पर चर्चा की गयी. प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा के नतीजे पर चर्चा हुई. इस शिविर में उत्तर बंगाल के 29 सीबीएसई स्कूल प्राचार्य भाग ले रहें.
इसमें सीबीएसई की ओर से निरीक्षक भी आये है. प्राचार्यो ने बताया कि यह शिविर काभी महत्वपूर्ण और शैक्षणिक माहौल को सृजनशील बनाने के लिए कारगार साबित होगा.