सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में जिसतरह दुर्गापूजा व कालीपूजा प्रसिद्ध है, उसीतरह यहां का छठपूजा भी मशहूर है. बिहार -यूपी से इसे कम नहीं कहा जा सकता. धीरे-धीरे छठव्रतियों की संख्या बढ़ती गयी, उसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और बेहतर करने के लिए छठपूजा कमेटियों के बीच एक प्रतिस्पर्धा भी देखी जा रही है.
वणारस के पंडितों के अनुसार छह नवंबर को नहाय खाय, सात को खरना, आठ को सांध्य अघ्र्य और नौ को परना होगा. इस बार दीपावली तीन नवंबर को होने के कारण, लोगों के बीच तिथि को लेकर भ्रम है.
संतोषी नगर जन सेवा समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार यादव ने बताया कि यह तिथि वणारस के पंडितों से लिया है. सभी जगह इसी दिन छठपूजा मनायेंगे. इसलिए शहरवासियों ने निवेदन है कि वें उक्त दिन ही छठव्रत का पालन करें. उन्होंने बताया कि संतोषीनगर घाट पर पिछले 39 वर्षो से छठ पूजा हो रहा है. सेतु बनाने का कार्य के साथ साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है.