आंदोलनरत छात्रों पर टीएमसीपी का हमला
मालदा़ : दीक्षांत समारोह की फीस कम करने की मांग को लेकर आज मालदा के गौड़बंग विश्वविद्यालय में जमकर बवाल हुआ. आरोप है कि फीस कम कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं पर तृणमूल समर्थित टीएमसीपी ने हमला कर दिया. इस हमले में कई विद्यार्थी घायल हो गये हैं. 10 दिसंबर को […]
मालदा़ : दीक्षांत समारोह की फीस कम करने की मांग को लेकर आज मालदा के गौड़बंग विश्वविद्यालय में जमकर बवाल हुआ. आरोप है कि फीस कम कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं पर तृणमूल समर्थित टीएमसीपी ने हमला कर दिया. इस हमले में कई विद्यार्थी घायल हो गये हैं. 10 दिसंबर को गौड़बंग विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह होना है.
इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी भी उपस्थित रहेंगे. इस कार्यक्रम के लिए प्रति डिग्रीधारी छात्र-छात्राओं से 12 सौ रुपये लिये जा रहे हैं. इसी को लेकर छात्र परिषद एसएफआई यहां तक कि टीएमसीपी ने भी अपनी आपत्ति जतायी है. 2008 से लेकर 2014 तक इस विश्वविद्यालय से 68 हजार विद्यार्थियों ने डिग्री हासिल की है. बृहस्पतिवार की दोपहर फीस कम कराने को लेकर विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने वाइस चांसलर को एक ज्ञापन देने का निर्णय लिया था. एसएफआई की ओर से इसका आयोजन किया गया था. छात्र परिषद के जिला अध्यक्ष बबलू हक ने आरोप लगाते हुए कहा कि एसएफआई तथा छात्र परिषद के सदस्य ज्ञापन न दे सके, इसके लिए पहले से ही तृणमूल समर्थकों ने पूरे विश्वविद्यालय पर अपना कब्जा जमा लिया था. पुलिस की भी गेट के सामने तैनाती की गई थी.
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र जुलूस लेकर आ रहे थे. गेट पर ही जुलूस को रोक दिया गया. अंदर तृणमूल समर्थक तांडव मचा रहे थे. बाद में पांच लोगों को ज्ञापन देने के लिए बुलाया गया. पांच लोग जब ज्ञापन देने के लिए विश्वविद्यालय परिसर के अंदर गये तभी तृणमूल समर्थक बाहर निकल गये और जुलूस पर हमला कर दिया. इस हमले में कई लोग घायल हो गये हैं. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया. एसएफआई के जिला अध्यक्ष अमित झा का कहना है कि ज्ञापन देने का कार्यक्रम काफी पहले से ही निर्धारित था. उसके बाद भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन ने गड़बड़ी फैलायी. उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि दीक्षांत समारोह हो, लेकिन एक प्रमाण-पत्र लेने के लिए 12 सौ रुपया देना सही नहीं है. जादवपुर विश्वविद्यालय में पोशाक के लिए 400 सौ रुपये लिये जाते हैं.
यहां 12 सौ रुपये लेने का कोई औचित्य नहीं है. वह लोग विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय को नहीं मानेंगे. इधर, गौड़बंग विश्वविद्यालय के तृणमूल छात्र परिषद के युनिट अध्यक्ष अकरम अली ने किसी भी हमले से साफ इंकार किया है. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोग विश्वविद्यालय में गड़बड़ी फैलाना चाह रहे हैं. दीक्षांत समारोह को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. 12 सौ रुपये फीस लेने का वह लोग भी विरोध कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से फीस कम करने की मांग की गई है.
क्या कहते हैं वाइस चांसलर
दीक्षांत समारोह के लिए 12 सौ रुपये फीस लेने के संबंध में वाइस चांसलर गोपाल मिश्र ने कहा कि यह निर्णय दीक्षांत समारोह कमेटी का है. हम लोग जो सर्टिफिकेट दे रहे हैं उस पर सात सौ रुपये का खर्चा आ रहा है. छात्र-छात्राओं ने उनसे फीस कम कराने की मांग की है और इस मुद्दे पर वह विचार-विमर्श कर रहे हैं.