बारिश से पटाखा व्यवसायियों को नुकसान

हावड़ा: दीपावली के पहले ग्रामीण हावड़ा में हुई मूसलधार बारिश व बाढ़ के चलते पटाखा व्यवसायियों को नुकसान सहना पड़ रहा है. चीन से सस्ते पटाखा यहां पहुंचने से पटाखा व्यवसायियों की परेशानी दोगुनी हो गयी है. व्यवसायियों का कहना है कि चीन के पटाखों की कीमत यहां के पटाखों की अपेक्षा कम है, इसलिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2013 9:51 AM

हावड़ा: दीपावली के पहले ग्रामीण हावड़ा में हुई मूसलधार बारिश व बाढ़ के चलते पटाखा व्यवसायियों को नुकसान सहना पड़ रहा है. चीन से सस्ते पटाखा यहां पहुंचने से पटाखा व्यवसायियों की परेशानी दोगुनी हो गयी है. व्यवसायियों का कहना है कि चीन के पटाखों की कीमत यहां के पटाखों की अपेक्षा कम है, इसलिए चीन के पटाखे क्रेताओं की पहली पसंद बन रहे हैं.

पटाखा व्यवसायी सलील साव ने कहते हैं कि भारी बारिश होने की वजह से कई दिनों तक यहां धूप नहीं निकली, जिससे पटाखों को बना पाना संभव नहीं हो सका. इसके अलावा बाढ़ आने की वजह से कई घरों में पानी घुस गया. इससे कच्चे माल नष्ट हो गये. उन्होंने बताया कि पहले की तरह अब पटाखा बनाने के लिए कारीगर भी नहीं मिलते हैं. पटाखा बनानेवाले कारीगर 100 दिनों के काम से जुड़ गये हैं. निपुण कारीगरों के अभाव के कारण समस्या और भी जटिल हो गयी है. इसके अलावा पुलिस की छापेमारी व 90 डेसिबल से अधिक ध्वनि के पटाखों पर रोक लगाने से क्रेताओं को मनपसंद पटाखे नहीं मिल रहे हैं.

मालूम रहे कि बागनान के भूक्रेड़ा गांव में 11 सितंबर,1995 में एक पटाखा कारखाने में आग लगने से 23 कारीगरों की मौत हुई थी. इसके बाद इस गांव से पटाखा बनाने का व्यवसाय लगभग खत्म हो चुका है. एक समय था, जब पांचला के माला पाड़ा, बागनान के भूक्रेड़ा, देउलटी व श्यामपुर के कुछ गांवों में घर-घर पटाखे बनाये जाते थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षो से यहां की स्थिति बदली है.

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