चाय बागान खुलवाने के लिए आमरण अनशन की चेतावनी
सिलीगुड़ी. अगले 22 नवंबर तक पानीघाटा चाय बागान ना खुलने पर हरीमाया छेत्री मेमोरियल वेलफेयर आर्गनाईजेशन ने आमरण अनशन करने का एलान कर दिया है. आर्गनाईजेशन की केंद्रिय कमिटी के अध्यक्ष कृष्णा छेत्री ने 23 नवंबर से आमरण अनशन करने की घोषणा करते हुए कहा कि पूजा बोनस की वजह से बंद हुआ पानीघाटा चाय […]
सिलीगुड़ी. अगले 22 नवंबर तक पानीघाटा चाय बागान ना खुलने पर हरीमाया छेत्री मेमोरियल वेलफेयर आर्गनाईजेशन ने आमरण अनशन करने का एलान कर दिया है. आर्गनाईजेशन की केंद्रिय कमिटी के अध्यक्ष कृष्णा छेत्री ने 23 नवंबर से आमरण अनशन करने की घोषणा करते हुए कहा कि पूजा बोनस की वजह से बंद हुआ पानीघाटा चाय बागान अगर 22 नवंबर तक नहीं खुला तो 23 नवंबर से आमरण अनशन की शुरुआत की जायेगी और यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक बागान खुल नहीं जाता.
श्री छेत्री ने बताया कि वेतन, पीएफ, ग्रेचुटी आदि की समस्या तो इस बागान में भी है लेकिन पूजा बोनस ना दिये जाने को लेकर ही बागान पिछले 9 अक्टूबर से 2015 से बंद है. बगान बंद होने की वजह से श्रमिकों की अवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. गौरतलब है कि मिरिक ब्लॉक के अंतर्गत इस पानीघाटा चाय बागान पर कुल 1800 परिवार आश्रित हैं. बागान बंद होने से इन श्रमिक परिवारों पर कहर सा टूट पड़ा है.
श्री छेत्री ने बताया कि इस विषय को लेकर एक पत्र के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री, राज्य की मुख्यमंत्री, लेबर मंत्रालय, दार्जिलिंग जिला पुलिस अधीक्षक व राज्य पुलिस विभाग के डीजी एवं सभी संबधित कार्यालयों में भेजने के वावजूद भी आज तक उनकी ओर से कोई प्रतिउत्तर दिया गया और ना ही बागान खुलवाने के लिये कोई कदम उठाया गया. इसलिये हरिमाया छेत्री मेमोरियल वेलफेयर आर्गनाईजेशन की कमिटी ने चाय बगान सदस्यों के साथ मिलकर आमरण अनशन करने का फैसला किया है. श्री छेत्री ने बताया कि पानीघाटा बंद चाय बागान को लेकर अभी तक किसी भी राजनीतिक संगठन ने कोई आवाज नहीं उठायी है, लेकिन जब अनशन शुरू होगा तो श्रेय लेने के लिये हो सकता है कि कई राजनीतिक दल इस आंदोलन में शामिल हों.