बच्ची की मौत, 24 पीड़ित
मोहिशीला में फैला डायरिया का प्रकोप आसनसोल : वार्ड संख्या 36 अंतर्गत मोहिशीला नवीन पल्ली में डायरिया फैलने से छह वर्षीया सुकी भूईंया की मौत हो गयी. पीड़ितों की संख्या दो दर्जन से अधिक पहुंच गयी है. पीड़ितों में अधिकांश बच्चे है. सूचना पाकर वार्ड पार्षद सह नगर निगम के चेयरमैन जीतेंद्र तिवारी पहुंचे. नगर […]
मोहिशीला में फैला डायरिया का प्रकोप
आसनसोल : वार्ड संख्या 36 अंतर्गत मोहिशीला नवीन पल्ली में डायरिया फैलने से छह वर्षीया सुकी भूईंया की मौत हो गयी. पीड़ितों की संख्या दो दर्जन से अधिक पहुंच गयी है. पीड़ितों में अधिकांश बच्चे है.
सूचना पाकर वार्ड पार्षद सह नगर निगम के चेयरमैन जीतेंद्र तिवारी पहुंचे. नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय सेन के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने राहत कार्य शुरू किया.
नवीनपल्ली में एवरेस्ट ब्रिक्स फील्ड कंपनी के मालिक मयूर माजी ने बताया कि उनके ईंटभट्ठा में आसपास के कई महिला– पुरुष काम करते है. शुक्रवार की रात टुकू भुइयां की छह वर्षीय पुत्री सुकी भुइयां को उल्टी व दस्त होने से मौत हो गयी थी. घटना होने के बाद भी उन्हें इसकी जानकारी काफी देर मिली. शनिवार को भी एक युवक डायरिया से पीड़ित हुआ.
लेकिन इलाज के बाद उसकी स्थिति बेहतर हो गयी और वह स्वस्थ हो गया. लेकिन देर रात से कई महिला–पुरुष व बच्चों की हालत बिगड़नी शुरू हो गयी. भक्तुआ भुइयां की तीन वर्षीय पुत्री पूजा भुइयां, दुर्गा ओरांग की छह वर्षीय पुत्र रोहित ओरांग व मोनू ओरांग की चार वर्षीय पुत्री वंदना ओरांग को आसनसोल जिला अस्पताल में भरती कराया गया.
पीड़ितों की संख्या दो दर्जन से अधिक पहुंच गयी है.इनमें बच्चों की संख्या अधिक है. श्री माजी ने इसकी सूचना स्थानीय पार्षद सह निगम चेयरमैन श्री तिवारी को दी. वे डायरिया प्रभावित स्थल गये और पीड़ित परिवारों से पूरी जानकारी ली. निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय सेन, टेक्निसियन सिद्धार्थ सान्याल के साथ पांच सदस्यीय महिला स्वास्थ्य कर्मी भी पहुंची.
उनलोगों ने पीड़ितों के परिजनों से बात चीत की तथा शारीरिक जांच के बाद 19 डायरिया पीड़ितों की शिनाख्त की. प्रभावित क्षेत्र में ब्लीचिंग का छिड़काव किया गया है. साफ–सफाई की गयी. पीड़ितों को दवाइयां, ओआरएस आदि दिये गये.
डॉ सेन का कहना है कि तालाब के पानी का उपयोग कपड़ा व बर्तन धोने में किये जाने से डायरिया फैला है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. यहां एक मेडिकल शिविर लगाया गया है. सात दिनों तक यह शिविर रहेगा. नागरिकों का कहना है कि नल न होने से नागरिकों को दैनिक कार्यो के लिए तालाब के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है.