खुशी से रो पड़े छीटमहल से आये 15 परिवार, हल्दीबाड़ी चाउलहाटी गेट से किया भारत में प्रवेश
जलपाईगुड़ी. भारतीय नागरिकों के इंतजार में सुबह से आंखें लगाये बैठे रहने के बाद जब वे आये तो नजारा ही बदल गया. भारत की सीमा में प्रवेश करने के साथ ही छीटमहल इलाके में परतंत्रता के हालात में रह रहे भारतीय नागरिक अपनी स्वतंत्र भूमि पर पैर रखने के साथ ही रो पड़े. हल्दीबाड़ी चाउलहाटी […]
हल्दीबाड़ी चाउलहाटी गेट से रविवार को बांग्लादेश में रह रहे 15 परिवार भारत में प्रवेश कर गये. इन भारतीयों के स्वागत के लिये सभी तरह की व्यवस्था की गई थी. प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक 22, 24 व 26 नवंबर को हल्दीबाड़ी सीमांत से छीटमहल के छह इलाकों में रह रहे भारतीय भारत में प्रवेश करेंगे. भारतीय को अपने वतन में लाने के लिए गेट से 150 मीटर दूर तक नया रास्ता बनाया गया था.
बीएसएफ की 58 वीं बटालियन की डांगापाड़ा सीमांत चौकी से भारत में 15 परिवारों ने प्रवेश किया. चेंगराबांधा-बूरीमारी, साहेबगंज-बागबंदर, व हल्दीबाड़ी-चाउलहाटी- इन तीन सीमांत से 211 परिवारों के भारत में प्रवेश करने की बात थी जिसमें इसी बीच चेंगराबांधा सीमांत से 63 परिवार भारत में प्रवेश कर चुके हैं.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चेंगराबांधा-बूरीमारी से बांग्लादेश के गोटामारी से 18 परिवार, लोटामारी से 1 परिवार,बाशकाटा से 29 परिवार, कबकबिया ग्राम से 49 परिवार, साहेबगंज-बागबंदर से बांग्लादेश के छोटा गरालझोरा, दशियारछोरा गांव से 73 परिवार एवं हल्दीबाड़ी-चाउलहाटी गेट से बांग्लादेश के गराती, नाटकटका, काजलदिघी,नाजिरगंज, रेलूयाडांगा, बालापाड़ा, गहला खागराबाड़ी गांव से 98 परिवार भारत में प्रवेश करने की खबर है.
रविवार को भारत में प्रवेश कर चुके नीपेंद्रनाथ वर्मन ने कहा कि आज नया जीवन मिला. नाजिरगंज छीट की निवासी अनिता रानी राय की कमर टूटी हुई है, लेकिन उन्हें वहां अब तक उचित चिकित्सा नहीं मिली. उचित चिकित्सा की आशा के साथ ही भारत आयी हैं, ऐसा उन्होंने बताया.